Windfall tax on petrol and diesel abolished: 2022 में यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते तेल कंपनियों (पैट्रोल, डीजल) में लगने वाले विंडफॉल टैक्स को केंद्र सरकार ने अब खत्म करने का ऐलान किया है। विंडफॉल टैक्स को खत्म करके केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों के लिए बड़ी राहत है, जिसके बाद इसका फ़ायदा देश में मौजूद विभिन्न तेल कंपनियों के ऊपर देखने को भी मिला है। विंडफॉल टैक्स खत्म होने की ख़बर बाहर आते ही शेयर बाजार में (आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, ओएनजीसी) जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली है।
विंडफॉल टैक्स क्या है?
भारत सरकार द्वारा लगाए जाने वाला विंडफॉल टैक्स एक प्रकार से किसी इंडस्ट्री के ऊपर अतिरिक्त कर लगाने जैसा है। रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से तेल मार्केटिंग कंपनियों को अप्रत्याशित मुनाफा होने पर सरकार की ओर से उनसे अतिरिक्त टैक्स वसूला जा रहा था, जिससे की केंद्र सरकार राजस्व बढ़ सकें। रूस यूक्रेन युद्ध के चलते अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में इज़ाफा हुआ था, जिसके बाद तेल कम्पनियां अपने लाभ के लिए निर्यात बढ़ाने लग जाती है।
जिसकी वजह कम्पनियों की अधिक मुनाफा कमाने की सोच ऐसी परिस्थिति में सरकार विंडफॉल टैक्स लगाकर निर्यात की सीमा को नियंत्रित रखती है, जिससे घरेलू बाजार में तेल की उपलब्धता स्थिर बने रहें।
अगस्त महीने में दो बार सरकार ने विंडफॉल टैक्स कम किया
इससे पहले केंद्र सरकार ने बीते दिनों अगस्त महीने में दो बार विंडफॉल टैक्स को कम किया था। विंडफॉल टैक्स को हर 15 दिनों में रिव्यु किया जाता है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेलों के दाम बढ़ते घटते रहते है। इसी के मद्देनजर अपनी रेगुलर रिव्यू में सरकार ने विंडफॉल टैक्स को 2,100 रुपए प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 1,850 रुपए प्रति मीट्रिक टन किया था।
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यह बदलाव 31 अगस्त से लागू हुआ था। इससे पहले सरकार ने 16 अगस्त को विंडफॉल टैक्स 4,600 रुपए प्रति मीट्रिक टन से 54.34% घटाकर 2,100 रुपए प्रति मीट्रिक टन कर दिया था। लेकिन अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में नोटिफिकेशन पेश करते हुए विंडफॉल टैक्स को खत्म (Windfall tax on petrol and diesel abolished) करने की घोषणा कर दी हैं।