India Plans New Incentives for Electric Vehicle Makers?: भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों या कहें तो EVs निर्माताओं को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए अपनी नीति में बड़े बदलाव करती नजर आ सकती है। सामने आ रही रिपोर्ट्स के अनुसार, अब मौजूदा फैक्ट्रियों में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाले ऑटोमोबाइल निर्माताओं को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। जाहिर है, इस कदम का मुख्य उद्देश्य देश में EVs के उत्पादन और उनकी खरीद को बढ़ावा देना हो सकता है।
असल में रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अब मौजूदा निर्माण फैक्ट्रियों पर भी गौर करने का सोचा है। पहले की नीति विशेष रूप से नई फैक्ट्रियों की स्थापना को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। लेकिन नई योजनाओं में मौजूदा प्रोडक्शन यूनिट्स को भी शामिल किया जा रहा है, पर इसके लिए कुछ शर्तें भी होगी। कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि EV मॉडल्स के लिए अलग प्रोडक्शन लाइन हो और वे स्थानीय स्तर पर तमाम पुर्जों की आपूर्ति के मानदंडों को भी पूरा करें।
India Plans New Incentives for Electric Vehicle Makers
देखा जाए तो EVs को लेकर यह नीति शुरुआत में अमेरिका समेत तमाम विदेशी ईवी दिग्गजों जैसे Tesla आदि को भारतीय बाजार में आकर्षित करने के लिए तैयार की गई थी। सरकार ने इस नीति के तहत लगभग ₹4000 करोड़ के न्यूनतम निवेश पर आयात शुल्क में भारी कटौती की पेशकश की थी।
इस बीच Tesla के भारत में निवेश को लेकर चल रही बातचीत चल रही है। वहीं Toyota और Hyundai जैसे अन्य प्रमुख वैश्विक वाहन निर्माता भी भारत में EV निर्माण की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है बदलावों के तहत यह नीति अब सभी विदेशी और घरेलू कंपनियों के लिए समान रूप से लागू होगी, जिससे प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा।
PM E-DRIVE के तहत भी लाभ
सरकार की नई नीति के तहत ईवी उत्पादन में निवेश करने वाली कंपनियों को कुछ शर्तों के आधार पर प्रोत्साहन मिलेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कंपनियां स्थानीय स्तर पर पुर्जों की खरीदारी करें और उत्पादन के लिए एक अलग लाइन तैयार करें। सितंबर 2024 में शुरू की गई PM E-DRIVE (PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement) योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और उपयोग दोनों को बढ़ावा देना है।
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इस योजना में ईवी निर्माताओं को सब्सिडी प्रदान की जाती है, साथ ही सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार को प्रोत्साहन देती है और स्थानीय निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास करती है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने “फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम” (PMP) की शुरुआत की है। इसके तहत, जो कंपनियां स्थानीय स्तर पर पुर्जों की आपूर्ति करेंगी, उन्हें वित्तीय सहायता दी जाएगी। खास बात यह है कि कंपनियों पर घरेलू मूल्य संवर्धन (Domestic Value Addition) की अनिवार्यता नहीं होगी, जिससे विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा।
भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश को आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाया जाए। शायद इसलिए सरकार अब चार्जिंग स्टेशनों के विस्तार, ईवी को लेकर जागरूकता और उद्योगों को प्रोत्साहन देने जैसे कदमों में तेजी लाती नजर आ रही है।