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1 दिसंबर के बाद भी OTP मैसेजों में नहीं होगी देरी, TRAI ने की पुष्टि

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No Delays in OTP Delivery After December 1, Confirms TRAI: टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल में चली तमाम उन अटकलों का खंडन किया है, जिनमें कहा जा रहा था कि 1 दिसंबर के बाद से मोबाइल फ़ोनों पर OTP (वन-टाइम-पासवर्ड) मैसेज आने में सामान्य से अधिक समय लगा करेगा। ट्राई ने साफ किया कि 1 दिसंबर 2024 से लागू होने वाले मैसेज ट्रेसेबिलिटी नियमों के कारण ओटीपी जैसे जरूरी मैसेज की डिलीवरी में किसी प्रकार की देरी नहीं होगी। नियामक ने आधिकारिक रूप से इससे जुड़ी तमाम अफवाहों को खारिज कर दिया है।

असल में TRAI ने अगस्त 2024 में मैसेज ट्रेसेबिलिटी नियमों को लागू करने का ऐलान किया था। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम नेटवर्क पर भेजे जाने वाले हर मैसेज को ट्रेस करने योग्य बनाना है। ये नियम स्पैम मैसेजों और और फिशिंग अटैक जैसी समस्याओं को रोकने के लिए लाए गए हैं। इसके लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स को कुछ तकनीकी बदलाव और नई प्रक्रियाओं को अपनाने का निर्देश दिया गया।

OTP Delivery After December 1: बदल रहे नियम

आपको बता दें ये नए नियम या कहें तो गाइडलाइन्स पहले 1 नवंबर से लागू होने थे, लेकिन तकनीकी बदलावों की जटिलता को देखते हुए, मैसेज भेजने वाली संस्थाओं को पर्याप्त समय देने के लिए इस समयसीमा को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया।

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समयसीमा बढ़ाने का एक उद्देश्य यह भी था कि TRAI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि नए नियमों के लागू होने के बाद भी OTP और अन्य जरूरी मैसेजों की डिलीवरी में किसी तरह की कोई देरी या अन्य समस्याओं का सामना न करना पड़े। मौजूदा समय में स्पैम कॉल्स और मैसेज बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं की प्राइवेसी और सुरक्षा को प्रभावित कर रहे हैं। TRAI के मुताबिक, नई गाइडलाइन्स के चलते अनचाहे बिजनेस मैसेजे को भी रोका जा सकेगा।

कैसे रुकेंगे स्पैम मैसेज?

इन गाइडलाइन्स के चलते स्पैम मैसेजको रोकने और मैसेजों को अधिक ट्रेसेबल बनाने की कोशिश की जाएगी। इनसे यह सुनिश्चित होगा कि जो संस्थाएं या व्यक्ति अनचाहे मैसेज भेजते हैं उन्हें पकड़ा जा सके और उनपर उचित कार्यवाई सुनिश्चित की जा सके।

आपको बता दें, Cellular Operators Association of India (COAI) भी स्पैम कॉल और मैसेजों को लेकर गंभीर रूप से चिंता व्यक्त कर चुका है। COAI ने उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने और स्पैम कॉल्स व मैसेजो को रोकने के लिए कड़े नियमों की मांग की है। COAI ने OTT प्लेटफॉर्म्स समेत WhatsApp और Telegram को भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है, क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स पर भेजे जाने वाले स्पैम मैसेज का पता लगाना और उन्हें कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है।

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