Property prices decided on the basis of air quality: दिल्ली मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में गिरती वायु गुणवत्ता को लेकर Zerodha’s के फाउंडर नितिन कामत ने एक बड़ी टिपण्णी की है, उन्होंने ऐसे शहरों में प्रॉपर्टी के दामों को इनकी वायु गुणवत्ता और प्राकृतिक व्यवहार के रूप में तय करने की वकालत की है। यानि की जिस प्रकार भारत में मौजूद मेट्रो शहरों की हवा का स्तर ख़राब हो रहा है, और साथ ही अन्य स्वास्थ्य संबंधी मूल जरूरत का हनन हो रहा है, उस लिहाज़ से ऐसे शहरों की प्रॉपर्टी के दामों को तय किया जाना चाहिए
प्रदूषण झेल रहे शहरों में सुधार के लिए आइडिया दिया
बकौल Zerodha’s के फाउंडर ने अपने X अकाउंट में टिपण्णी करते हुए कहा कि शहरों के प्रदूषण को लेकर हमें जिस गंभीरता से सोचना चाहिए, वैसी गंभीरता नहीं देखी जा रही है। उन्होंने अपने पोस्ट के माध्यम से एक सुझाव देते हुए कहा कि, हवा और पानी की गुणवत्ता के आधार पर अगर प्रॉपर्टी के दाम तय होंगे तो देश में गंभीर प्रदूषण झेल रहे शहरों में सुधार देखा जाएगा। नितिन कामथ को लगता है कि ये विचार क्रांतिकारी लग सकता है लेकिन ये कारगर भी साबित हो सकता है। उन्होंने अपने विचारों को स्पष्ट करते हुए साफ किया कि एयर क्वालिटी के दम पर प्रॉपर्टी प्राइस डिस्काउंट अगर दिया जाएगा तो जहां की हवा और पानी की क्वालिटी अच्छी होगी वहां कीमतें ज्यादा होंगी और जहां की हवा जहरीली होगी और पानी गंदा होगा, देश के उन शहरों में प्रॉपर्टी के दाम कम रहेंगे।
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Zerodha’s के फाउंडर ने न्यूज पेपर की कटिंग साझा की
अपने X अकाउंट से Zerodha’s के फाउंडर ने एक पेपर कटिंग को भी शेयर की है। इस पेपर क्लिपिंग में प्रदूषण से हुई मौतों का आंकड़ा है और हवा की क्वालिटी से जुड़े अन्य खतरनाक असर के बारे में डेटा हैं, उन्होंने पेपर कटिंग का संदर्भ देते हुए कहा कि, इसमें बताएं गए डेटा 2019 तक है, जबकि अभी 2024 खत्म होने को है। बता दे, उक्त न्यूज पेपर कटिंग में जो वायु प्रदूषण से मौतों का आंकडे दिए थे, वो केवल साल 2019 तक के डेटा को कवर कर रहे थे, जिसको लेकर चिंता जताते हुए Zerodha’s के फाउंडर नितिन कामथ ने कहा कि 5 साल बाद यानी (2024 Property prices decided on the basis of air quality) तक तो स्थिति और खराब ही हुई है।