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Google को बेचना होगा Chrome ब्राउजर, अमेरिकी न्याय विभाग की सिफारिश

Google को बेचना होगा Chrome ब्राउजर, अमेरिकी न्याय विभाग की सिफारिश

  • Google को बेचना पड़ सकता है अपना वेब ब्राउजर Chrome
  • 5 सालों तक सर्च इंजन बाजार में प्रवेश पर लग सकती है रोक
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Google to sell Chrome?: अमेरिका के न्याय विभाग (DOJ) ने टेक दिग्गज Google पर उसकी ऑनलाइन सर्च में मोनोपोली को तोड़ने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है। न्याय विभाग का कहना है कि कंपनी को अपने Chrome ब्राउज़र से अलग होना चाहिए ताकि सर्च बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा हो सके। यह सिफ़ारिश कोलंबिया जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय में एक फाइलिंग के तहत सामने आई है।

जिला न्यायालय के न्यायाधीश अमित मेहता इस पर अंतिम फैसला सुनाएंगे। बीते अगस्त में न्यायाधीश अमित मेहता ने Google को सर्च बाजार में अवैध मोनोपोली करने का दोषी पाया था। उनके अनुसार Google ने अपनी क्षमताओं का दुरुपयोग करके अन्य इंटरनेट गेटवे पर भी कंट्रोल बनाया है और सर्च इंजन के रूप में अपनी मज़बूत स्थिति बनाए रखने के लिए तृतीय-पार्टी को भी भुगतान किया है।

Google to sell Chrome?: एंड्रॉइड पर भी सवाल

न्याय विभाग का मानना है कि Google का Chrome और एंड्रॉइड (Android) जैसे प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण सर्च बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा के ख़िलाफ एक बड़ी बाधा है। दिलचस्प रूप से अमेरिकी न्याय विभाग ने यह भी सिफारिश की है कि कंपनी को अपने एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम से भी अलग होना चाहिए। जाहिर है यह सिफ़ारिश अगर वास्तव में लागू हुई तो Google और उसके साझेदारों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा हो सकती है।

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असल में DOJ का कहना है कि अगर Google एंड्रॉइड का उपयोग करके अन्य सर्च प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करता है तो इसे भी बेच देना चाहिए। इस प्रकार के उपायों का उद्देश्य सर्च इंजन के क्षेत्र में Google की पकड़ को सीमित करना और अन्य कंपनियों के लिए समान अवसर प्रदान करना बताया जा रहा है।

सिफ़ारिश में क्या कुछ कहा गया?

DOJ ने यह भी सिफारिश की है कि Google को ब्राउज़र या फोन कंपनियों के साथ यूनिक कांट्रैक्ट्स करने से रोका जाना चाहिए। उदाहरण के लिए जैसे कि Google का Apple के साथ समझौता, जिससे Apple के सभी प्रोडक्ट्स में Google डिफॉल्ट सर्च इंजन के रूप में सेट रहता है। DOJ के मुताबिक, इस प्रकार के कॉंटैक्ट्स प्रतिस्पर्धा को खत्म करते हैं।

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इसके अलावा DOJ ने सुझाव दिया है कि Google अपने सर्च डेटा और विज्ञापन क्लिक डेटा को भी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ साझा करे, ताकि प्रतियोगिता में सुधार हो सके। गौर करने वाली बात ये है कि Chrome ब्राउज़र की बिक्री के बाद, DOJ ने Google के सामने पांच सालों के लिए ब्राउज़र बाजार में पुनः प्रवेश न करने की भी शर्त रखी है।

न्याय विभाग की ओर से यह भी कहा है कि Google को अन्य प्रतिस्पर्धी टेक्स्ट-सर्च एड तकनीक, एआई उत्पाद या सर्च से संबंधित किसी भी क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए। इसके साथ ही DOJ का प्रस्ताव है कि Google को विभिन्न प्रकाशकों को यह विकल्प देना चाहिए कि वे चाहें तो Google के AI मॉडल की ट्रेनिंग के लिए अपने डेटा के इस्तेमाल की अनुमति न दें।

वैसे तो Google की ओर से अब तक DOJ के इन प्रस्तावों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।  लेकिन Google की उपाध्यक्ष का कहना है कि न्याय विभाग कानूनी मुद्दों से काफी आगे बढ़कर चरमपंथी एजेंडा चला रहा है। दिलचस्प रूप से अगर ये सिफ़ारिशें लागू होती हैं तो Google के AI प्रतिस्पर्धियों जैसे OpenAI, Microsoft आदि को काफी लाभ हो सकता है।

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