Yoga course also included in four year B.Ed: स्कूलों में शिक्षकों के रूप में या शिक्षा विभाग में किसी भी पद में नौकरी के लिए B.Ed की डिग्री एक अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता में से है। इसके लिए छात्रों को शिक्षक बनने के लिए चार साल के कोर्स में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स जैसे विषयों की पढ़ाई पढ़नी होती है, लेकिन अब इसमें कुछ और नए विषयों को NCTE ( natsional counslling teachar education) जोड़ने की योजना में काम कर रहा है। जानकारी के मुताबिक अब B.Ed की डिग्री में छात्रों को शिक्षक बनने के लिए योगा और संस्कृत जैसे विषयों का अतिरिक्त अध्ययन करना होगा, इन नए विषयों को सिलेबस में अगले साल से जोड़ दिया जाएगा।
बिहार में हर साल 400 सीट में दाखिला
नई शिक्षा नीति के अनुसार अन्य संशोधन भी किए गए हैं। दरअसल NEP 2020 के नए नियम के अनुसार वर्ष 2030 तक सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में आईटीपी (इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम) की शुरुआत की जाएगी। आईटीपी एक 4 साल का एकीकृत कोर्स है, यह शिक्षकों को प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देता है। यह बदलाव करने के पीछे एकमात्र ध्येय है कि शिक्षकों को बेहतर तरीके से शिक्षण कौशल सिखाया जाए ताकि वह बच्चों को प्रभावशाली तरीके से पढ़ाएं।
अकेले बिहार की बात की जाएं तो बिहार में B.Ed की शिक्षा प्राप्त करने के लिए पूरे बिहार में सिर्फ़ चार कॉलेज ही मौजूद है। जो कि शिक्षक बनने वाले छात्रों को B.Ed डिग्री कोर्स करवाते थे। ये सभी चार वर्षीय बीएड कॉलेज बीआरएबीयू के तहत ही आते हैं। चार वर्षीय बीएड में चार सौ सीटों पर हर साल दाखिला होता है।
छात्रों को पढ़ाने के लिए डिजिटल तकनीकी का उपयोग
बीएड का कोर्स कर रहे प्रशिक्षु शिक्षकों को डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल छात्रों को पढ़ाने में कैसे करें, इसकी शिक्षा भी कोर्स के दौरान दी जाएगी। एनसीटीई चार वर्षीय बीएड में स्किल कोर्स के तौर पर डिजिटल तकनीक को लाने के लिए भी चार वर्षीय बीएड छात्रों को प्रशिक्षण देगा। एनसीटीई का कहना है कि इससे छात्रों को पढ़ाने में आसानी होगी।
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गौरतलब हो, देश भर में सभी बीएड कॉलेजों में शुरू होना है चार वर्षीय बीएड कोर्स जिसके लिए एनसीटीई सभी बीएड कॉलेजों में इंटीग्रेटेड बीएड शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को कॉलेजों की जांच करने का निर्देश दिया गया है। जांच में कॉलेज की आधारभूत संरचना, साधन और शिक्षकों की जांच करनी है। जिसके बाद जल्द इसे चार वर्षीय कोर्स में नए शिक्षा नीति के आधार पर डिजाइन किया (Yoga course also included in four year B.Ed) जायेगा।