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WazirX: ₹1,965 करोड़ के क्रिप्टो हैकिंग मामले में हुई एक व्यक्ति की गिरफ्तारी

WazirX: ₹1,965 करोड़ के क्रिप्टो हैकिंग मामले में हुई एक व्यक्ति की गिरफ्तारी

  • WazirX पर हुए साइबर अटैक मामले में हुई गिरफ़्तारी
  • Liminal Custody पर जांच में सहयोग न करने के आरोप
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WazirX Crypto Hack Case: भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म WazirX पर हाल ही में हुए बड़े साइबर हमले के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा एक कथित मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी सामने आई है। व्यक्ति का नाम एसके मसूद आलम बताया जा रहा है, जो पश्चिम बंगाल का बताया जा रहा है। याद दिला दें, WazirX पर हुए साइबर अटैक में इसके लगभग ₹1,965 करोड़ के डिजिटल एसेट्स चोरी होने का दावा किया गया था। यह साइबर अटैक 18 जुलाई को हुआ था।

इसमें WazirX के वॉलेट तक पहुँचने की कोशिश की गई, जिससे कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने अपने यूजर्स के क्रिप्टो फंड की सुरक्षा के लिए मल्टी-सिग वॉलेट का उपयोग किया, जिसमें छह हस्ताक्षरकर्ता (signatories) थे – पांच WazirX से और एक Liminal Custody से। बता दें Liminal Custody असल में WazirX के वॉलेट्स की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। इस हमले में WazirX ने लगभग अपनी 45% होल्डिंग संपत्ति गंवा दी थी।

WazirX Crypto Hack: क्या सामने आया?

दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) डिवीजन ने जांच में पाया कि WazirX के सिस्टम तक कोई भी अनधिकृत पहुंच नहीं हुई थी, न ही स्थानीय रूप से और न ही रिमोटली। इसके बावजूद, हमले के दौरान वॉलेट्स से बड़ी संख्या में क्रिप्टो एसेट्स की चोरी हुईं।

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अब इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी एसके मसूद आलम को पश्चिम बंगाल के ईस्ट मिदनापुर जिले से गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि आरोपी ने WazirX पर एक फर्जी खाता बनाकर उसे ‘Souvik Mondal’ नाम से चलाया और फिर उसे टेलीग्राम के जरिए एम हसन नामक व्यक्ति को बेचा। माना जा रहा है कि इस फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल साइबर हमले को अंजाम देने के लिए किया गया।

Liminal Custody नहीं कर रही सहयोग?

दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई चार्जशीट के अनुसार, Liminal Custody पर जांच में सहयोग न करने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने बताया कि Liminal से संबंधित विषय पर कुछ अहम जानकारियां मांग की गई थी, लेकिन उन्होंने वह जानकारी प्रदान नहीं की, जिससे इस बड़े साइबर क्राइम की कड़ियाँ जोड़ने में कठिनाई आई। चार्जशीट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस मामले में Liminal की भूमिका पर आगे भी जांच जारी रहेगी।

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आपको बता दें, WazirX में मल्टी-सिग वॉलेट का इस्तेमाल किया जाता है, जो कई उपयोगकर्ताओं की सहमति से लेनदेन को अधिकृत करता है। इस साइबर अटैक के मद्देनज़र पुलिस ने WazirX के तीन लैपटॉप भी जब्त किए हैं, जिनका इस्तेमाल हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा लेनदेन को मंजूरी देने के लिए किया गया था। WazirX ने पुलिस के साथ पूर्ण सहयोग किया है और KYC विवरण, ट्रांजेक्शन लॉग जैसी महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराई है।

क्यों अहम है केस?

WazirX भारत का प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है, जो उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन से लेकर एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने, बेचने और ट्रेड करने की सुविधा देता है। 2018 में लॉन्च हुआ यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं के लिए स्पॉट ट्रेडिंग, स्टेकिंग और पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रांजेक्शंस की सुविधाएँ भी प्रदान करता है। WazirX का खुद का एक यूटिलिटी टोकन (WRX) भी है, और यह Binance के साथ भी इंटीग्रेटेड है, जो एक ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज है।

इस बड़े साइबर हमले की जांच में भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (ICCCC) ने भी दिल्ली पुलिस को सपोर्ट किया। जाहिर है WazirX साइबर अटैक का मामला भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक अहम चेतावनी है। इस साइबर हमले से यह स्पष्ट हुआ है कि क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

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