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UPPSC: यूपी में प्रयागराज के बाद अन्य शहरों में भी नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू

Protest against UPPSC normalization: UPPSC के खिलाफ़ प्रयागराज UPPSC दफ्तर से शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन अब प्रयागराज से निकलकर अब उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी पहुंचने लगा है। यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी कर रहें छात्रों ने प्रयागराज के अलावा लखीमपुर खीरी और मेरठ समेत अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। मेरठ में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन निकाला। वहीं, लखीमपुर खीरी में भी छात्रों ने एक दिन में परीक्षा कराने की मांग को लेकर डीएम को ज्ञापन सौपा है।

छात्र नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ़ प्रदर्शन

पीसीएस और आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षाएं एक से अधिक दिन और पालियों में कराने के खिलाफ हजारों छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर पिछले दो दिनों से डटे हुए हैं। अफसरों ने 12 घंटे के अंदर दूसरी बार आंदोलनकारी छात्रों को समझाने की कोशिश की लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ।

11 प्रदर्शनकारी को गिरफ़्तार किया गया

मंगलवार देर रात 11 छात्रों को कैंट थाने की पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तीसरे दिन सुबह-सुबह छात्र नारेबाजी कर रहे हैं। 11 प्रदर्शनकारी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। ये सभी प्रदर्शनकारी पीसीएस और आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षाएं एक से अधिक दिन करवाए जानें और नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को लेकर विरोध कर रहे है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर चल रहे धरने से जुड़े राजन त्रिपाठी ने बुधवार को शाम 6 बजे सभी प्रतियोगियों से विभिन्न शहरों में कैंडल मार्च निकालने की अपील की है।

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बता दे, नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रकिया है जिसके जरिए यूपीपीएससी और अन्य परीक्षाओं में शिफ्टवाइज पेपर के स्तर के मुताबिक छात्रों को अंक निर्धारित किए जाते हैं। इसमें पेपर की कठिनाई के लेवल और शिफ्ट के मुताबिक अभ्यर्थियों के पर्सेंटाइल तय होते हैं। इसी प्रक्रिया में कुछ अभ्यर्थियों के अंक बढते हैं, तो किसी के कम हो जाते हैं। ऐसे में एकतरफ अभ्यर्थियों का फायदा भी होता है, तो दूसरी तरफ कुछ का नुकसान (Protest against UPPSC normalization)  भी होता है।

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