Apple iPhone Production in India: ऐसा लगता है कि टेक दिग्गज Apple ने भारत में बड़े पैमाने पर iPhone का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। सामने आ रही रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी का लक्ष्य है कि 2027 तक कुल वैश्विक iPhone उत्पादन का 32% भारत में ही किया जाए। माना जा रहा है कि यह फैसला प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी PLI स्कीम को देखते हुए लिया जा रहा है। यह स्कीम भारत के इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में स्थानीय मैन्युफ़ैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिहाज़ से लाई गई है, जिसका व्यापक लाभ देखनें को मिल रहा है।
असल में यह जानकारी Business Standard की एक हालिया रिपोर्ट में मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से सामने आ सकी है। जानकारों का मानना है कि Apple अपने उत्पादन को केवल चीन तक सीमित नहीं रखना चाहता। इसके पीछे बढ़ती भू-राजनीतिक समस्याओं और अमेरिका-चीन संबंधों में तनाव को देखते हुए लिया गया बताया जा रहा है। हालाँकि यह साफ कर दें अब तक कंपनी की ओर से इस संबंध में आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी या जानकारी साझा नहीं की गई है।
Apple iPhone Production in India
इसके साथ ही सप्लाई चेन में विविधता लाने के चलते Apple ने भारत को अपने प्रमुख उत्पादन हब के रूप में चुना है। मौजूदा हालातों को देखते हुए यह तो स्पष्ट है कि भारत में iPhone निर्माण से Apple को स्थिरता मिलेगी और वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूती आएगी। एक अनुमान के मुताबिक, अगर Apple ऐसा करता है तो 2026-27 तक भारत में होने वाले कुल iPhone प्रोडक्शन की वैल्यू $34 बिलियन से अधिक हो सकती है।
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हालाँकि यह अभी संभव होगा जब iPhone की वैश्विक मांग 2023-24 के स्तर पर स्थिर रहे। आँकड़ों पर नज़र डालें तो वित्तीय वर्ष 2025 की पहली छमाही में कंपनी ने भारत में $9 बिलियन का फ्रीट-ऑन-बोर्ड (FOB) प्रोडक्शन वैल्यू रखी है, और इस साल के अंत तक भारत में iPhone के कुल वैश्विक उत्पादन में 17-18% हिस्सेदारी हासिल करने का अनुमान है।
योजना को लेकर Apple कर रहा चर्चा
रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत Apple ने अपने वेंडर्स और केंद्रीय व राज्य सरकारों के साथ मिलकर भारत में iPhone उत्पादन को बढ़ाने के कई पहलुओं पर चर्चा की है। जाहिर है इससे न सिर्फ कंपनी की स्थानीय बाजार में पकड़ मज़बूत होगी, बल्कि भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भी कई नए अवसरों के पैदा होने की संभावना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, स्किल्ड वर्क-फोर्स और भारतीय तकनीकी क्षमताओं के विकास ने Apple को भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। यह योजना अगर हक़ीक़त का रूप लेती है तो Apple की चीन पर अत्यधिक निर्भरता से भी बचा जा सकेगा।
शायद यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है कि Apple ने कथित रूप से भारत में iPhone उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते कंपनियों के लिए सप्लाई चेन में विविधता लाना और भी अहम बन चुका है।
वहीं भारत के लिए और अच्छी बात ये है कि भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना के तहत कंपनियों को बड़े पैमाने पर सब्सिडी दी जाती है, जिससे उन्हें भारत में उत्पादन करना किफायती पड़ता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों खासकर मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देना और अधिक रोजगार का सृजन करना है।
इन सब के बीच Apple ने वित्तीय वर्ष 2024 के अंत तक भारत में $14 बिलियन का iPhone उत्पादन किया, जिसमें से $10 बिलियन का निर्यात किया गया। ऐसे में यह आंकड़ा दिखाता है कि भारत न केवल घरेलू मांग पूरी कर सकता है, बल्कि निर्यात के लिए भी बड़ा योगदान दे सकता है।