Apple Sets Up R&D Subsidiary in India: भारत में अपनी पकड़ मजबूत बनाने और देश में अपनी मैन्युफ़ैक्चरिंग शुरू करने को लेकर हाल में Apple काफी आक्रामक नजर आ रहा है। और अब यह खबर सामने आ रही है कि कंपनी देश में रिसर्च एंड डेवलपमेंट का भी व्यापक आगाज करने जा रही है। इसी क्रम में Apple Inc ने भारत में अपनी पहली पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ‘Apple Operations India’ के नाम से स्थापित की है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में रिसर्च, डिजाइन और टेस्टिंग को बढ़ावा देना है।
दिलचस्प ये है कि ऐसा पहली बार है जब iPhone निर्माता भारत में हार्डवेयर डिज़ाइन और टेस्टिंग की योजना बना रहा हैं। अब तक Apple अपने R&D का काम अमेरिका, चीन, जर्मनी और इज़राइल में करता आया है, लेकिन भारत में स्थापित की जा रही ये नई सहायक कंपनी इस दिशा में बनाई जा रही नीति का हिस्सा है। इसका खुलासा ET की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से हो सका है।
Apple Sets Up Subsidiary in India
Apple Operations India ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ (RoC) में दाखिल अपने दस्तावेज़ों में बताया कि यह कंपनी इंजीनियरिंग उपकरणों की खरीद, सेवाओं का लीज़िंग, हार्डवेयर विकास के लिए इंजीनियरों की नियुक्ति और अन्य तकनीकी सेवाएं प्रदान करेगी। इसके अलावा यह थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरर्स और ठेकेदारों को हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर सपोर्ट भी प्रदान करेगा।
कंपनी ने ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट’ के माध्यम से वादा किया है कि वह इस नई कंपनी को आवश्यक वित्तीय और परिचालन सपोर्ट प्रदान करेगी ताकि यह दीर्घकालिक रूप से स्थिर रह सके। जाहिर है Apple यह साफ करना चाहता है कि यह भारतीय बाजार में लंबे समय तक अपने पैर जमाए रखने की कोशिशों में है।
Apple Operations India की स्थापना के साथ ही भारतीय बाजार में कंपनी अब तेज विस्तार का रूख अपना सकती है। इससे भारत में भी तकनीकी विकास और उत्पादन आदि को लेकर Apple का योगदान बढ़ेगा।
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गौर करने वाली बात ये है कि रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि Apple Operations India वर्तमान में भारत में काफी पूंजी निवेश कर रहा है, जिसमें ₹38.2 करोड़ की कैपिटल वर्क-इन-प्रोग्रेस और ₹36 करोड़ की फ़िक्सड एसेट्स शामिल हैं।
आपको बता दें, भारत में पहले से ही Samsung, LG, Sony जैसी वैश्विक कंपनियां अपने R&D सेंटर स्थापित कर चुकी हैं, जिनका मुख्य काम प्रोडक्ट्स का हार्डवेयर लोकलाइजेशन और सॉफ्टवेयर विकास करना है। इसके अलावा चीनी मोबाइल निर्माता जैसे Oppo और Vivo भी अपने R&D कार्य भारत में कर रहे हैं। इसी के साथ, कई अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) की स्थापना कर रखी है ताकि तकनीकी और बैक ऑफिस सेवाओं को आत्मनिर्भरता के साथ विकसित किया जा सके।