ED’s big action against Amazon and Flipkart: ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ ईडी ने देश भर में सर्च ऑपरेशन चलाया है। इसकी आंच से बड़े से बड़ी कंपनियां भी बची नहीं है।प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार (7 नंवबर) को फेमा जांच के तहत अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स दिग्गजों पर कारोबार करने वाले कुछ वेंडरों के खिलाफ तलाशी ली। जानकारी के मुताबिक, कॉम्पटिशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (CCI) ने जांच की है, जिसमें कंपनियों ने स्थानीय प्रतिस्पर्धी नियमों का उल्लंघन करके सेलर्स को प्लेटफॉर्म का गलत उपयोग करने की अनुमति दिए जानें की बात सामने आई है
देश के अलग अलग शहरों में अवैध वित्तीय लेनदेन को लेकर छापे
ED की टीम ने दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा), हैदराबाद (तेलंगाना) और बेंगलुरु (कर्नाटक) समेत कई शहरों में रेड मारी, यह जांच फॉरेंस एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट, यानी फेमा के तहत की जा रही है। ED जांच कर रही है कि कहीं उन सेलर्स ने अवैध वित्तीय लेनदेन तो नहीं किया है, जिन पर फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन के गलत इस्तेमाल के आरोप लगे हैं।
कंपनियों के ऊपर क्या लगें आरोप?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट ने चुनिंदा विक्रेताओं को प्राथमिकता देकर, कुछ लिस्टिंग को प्राथमिकता देकर और उत्पादों पर भारी छूट देकर स्थानीय प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया है, जिससे अन्य कंपनियों को नुकसान हुआ है। जिसके बाद ED ने इन कंपनियों के वेंडरों के कम से कम 20 से 21 ठिकानों पर छापेमारी की है।
50000 करोड़ फ्रेमा उल्लंघन में कार्रवाई
ईडी की उक्त कार्रवाई के संबंध में मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उक्त कार्रवाई ₹50000 करोड़ फ्रेमा उल्लंघन के तहत की गई है। बता दे, फेमा का उल्लंघन तब होता है जब कोई व्यक्ति या संस्था इस कानून के अंतर्गत निर्धारित नियमों का पालन नहीं करती है।
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इसमें उल्लंघन के कुछ सामान्य उदाहरण हैं-– अनधिकृत लेनदेन बिना अनुमति के विदेशी मुद्रा का लेन-देन करना। अधिकतम सीमा का उल्लंघन जिसमें निर्धारित सीमा से अधिक धनराशि का विदेश में भेजना (ED’s big action against Amazon and Flipkart) शामिल हैं।