Satellite Made From Wood – LignoSat Launched Into Space: जापान के वैज्ञानिकों ने एक नई शुरुआत करते हुए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया कारनामा कर दिखाया है। असल में क्योटो विश्वविद्यालय और सुमिटोमो फॉरेस्ट्री कंपनी द्वारा मिलकर बनाया गया दुनिया का पहला लकड़ी का सैटेलाइट – ‘LignoSat’ हाल में SpaceX के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा गया है। इस उपग्रह का निर्माण और टेस्टिंग नवीकरणीय सामग्री के अंतरिक्ष उपयोग की क्षमता को परखने के लक्ष्य के साथ किया गया है।
लकड़ी का ये सैटेलाइट बनाने का फैसला जापान के पूर्व अंतरिक्ष यात्री ताकाओ दोई और उनकी टीम का था। वह यह समझने की कोशिश में हैं कि क्या लकड़ी भी एक प्रभावशाली “स्पेस-ग्रेड मटेरियल” साबित हो सकती है या नहीं? 1900 के दशक में जैसे विमान लकड़ी से बने होते थे, उसी तरह वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर लकड़ी का सैटेलाइट सफल होता है, तो भविष्य में कई अंतरिक्ष प्रोजेक्ट्स में इसे एक संभावित विकल्प के रूप आज़माया जा सकता है।
Satellite Made From Wood – LignoSat
देखा जाए तो लकड़ी को विकल्प की तरह इस्तेमाल करने का एक और प्रमुख लाभ ये भी हो सकता है कि लकड़ी पर्यावरणीय रूप से अनुकूल है। जब यह उपग्रह अपने कार्यकाल को पूरा करने के बाद में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा, तो यह बिना किसी प्रदूषण के जल जाएगा, जिससे अंतरिक्ष में मलबा बनने का खतरा भी कम होगा।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
ताकाओ दोई का कहना है कि धातु से बने उपग्रह पृथ्वी में वायुमंडल में पुनः प्रवेश के दौरान एल्यूमिनियम ऑक्साइड कणों का निर्माण करते हैं, जो प्रदूषण का कारण बनते हैं। लकड़ी के उपग्रह से इस प्रकार के प्रदूषण की संभावना नहीं है।
🚨🇯🇵 JAPAN TO LAUNCH FIRST WOODEN SATELLITE TO TEST SPACE DURABILITY
Japan is launching a small wooden satellite, LignoSat, on Nov. 5 via a SpaceX rocket.
Developed by Kyoto University and Sumitomo Forestry, this magnolia wood cube will orbit the ISS for six months to test… pic.twitter.com/54e9qtDrvT
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) November 4, 2024
किस लड़की से बना है ये सैटेलाइट?
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, LignoSat नामक इस सैटेलाइट को ‘होनोकी’ नामक जापानी मैगनोलिया पेड़ की लकड़ी से बनाया गया है। ISS पर 10 महीने तक टेस्टिंग के बाद यह साबित हुआ कि होनोकी लकड़ी अंतरिक्ष यान के कठोर तापमान और विकिरण को सहन कर सकती है। इस सैटेलाइट का निर्माण जापानी परंपरागत तकनीकों से किया गया है, जिसमें बिना पेंच और गोंद का प्रयोग किए लकड़ी को जोड़ा गया है। इस तरीके के तहत सैटेलाइट और भी हल्का और टिकाऊ बन जाता है, जिसे अंतरिक्ष में भेजना आसान हो जाता है।
आपको बता दें, LignoSat को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऑर्बिट में छोड़ा जाना है, जहां यह लगभग 6 महीने तक परिक्रमा करेगा। इस दौरान सैटेलाइट में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तापमान व इसकी सहनशीलता को मापेंगें। गौर करने वाली बात ये है कि पृथ्वी की ऑर्बिट में हर 45 मिनट में अंधकार से रोशनी में आते समय तापमान में 100-100 डिग्री का बदलाव होता है। इस तापमान परिवर्तन में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये लड़की से बना सैटेलाइट टिक पाता है?