48 lakh marriages will take place in 2 months: तुलसी विवाह पूजन (देवउठनी एकादशी) के समाप्त होते ही एक बार फ़िर भारत में शादियों की रौनक वापिस लौट आएगी, और यह हम सब भली भांति जानते है कि भारत में शादियों को भी एक प्रकार से त्योहारों के रूप में मनाया जाता है, जहां लोगों द्वारा दिल खोल कर पैसे खर्च किए जाते है। इसी खर्च से जुड़ी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बार शादियों के 2 महीने के सीजन में 48 लाख शादियां आयोजित की जाएगी, जिसमें तकरीबन 6 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
12 नवंबर से 16 दिसंबर तक शादियों के मूर्हत
शादियों का सीजन देवउठनी एकादशी 12 नवंबर से शुरू हो रहा है जो 16 दिसंबर तक चलेगा, इसी सीजन को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से किए गए एक अध्ययन के मुताबिक रिटेल क्षेत्र, जिसमें सामान और सेवाएं दोनों शामिल हैं अनुमानित तौर पर खर्च में बड़ा योगदान देंगे। जिसमें दावा किया गया है कि इस बार इस सीजन में 6 लाख करोड़ रुपए खर्च हो सकते है वही संघटन के पिछले साल के डेटा में इस सीजन में करीब 35 लाख शादियों से कुल 4.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था।
देश के 75 प्रमुख शहरों के डेटा पर आधारित आंकड़े
कैट का उक्त आंकड़ों को लेकर दावा है कि देश भर के 75 प्रमुख शहरों में शादी से संबंधित वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार करने वाले प्रमुख व्यापारी संगठनों से चर्चा के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है। इस साल शुभ विवाह मुहूर्त की तिथियों में बढ़ोतरी के कारण व्यापार में खासी बढ़ोतरी का अनुमान जताया जा रहा है, जहां साल 2023 में 11 शुभ मुहूर्त थे, वही इस साल 18 मुहूर्त होने से व्यापार को और अधिक बढ़ावा मिलने की संभावना है।
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भारतीय उत्पादों को खरीदने में तरजीह
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि उपभोक्ता के ख़रीदी व्यवहार में बड़ा परिवर्तन आया है और वो अब विदेशी सामान के मुक़ाबले भारतीय उत्पादों को खरीदने में ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन (48 lakh marriages will take place in 2 months) की बड़ी सफलता है।