Firecrackers burst on Diwali in Delhi: दिवाली में राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा पटाखें फोड़ने के लिए लगाई गई पाबंदी धरी की धरी रह गई, लोगों ने दीपावली के रात जमकर पटाखों को फोड़ा। बता दे, दिल्ली में साल भर वायु की गुणवत्ता काफ़ी खराब स्तर में रहती है, जो दिवाली के आसपास और भी ख़तरनाक स्तर में पहुंच जाती है। जिसे देखते हुए पिछले चार वर्षों से दिवाली में राजधानी दिल्ली में पटाखों में बैन लगाया जाता आ रहा है, लेकिन हर साल की तरह इस बार भी दिवाली में लोगों ने जमकर पटाखों का लुप्त उठाया।
पूरी दिल्ली में रातभर जमकर हुई आतिशबाजी
दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने राजधानी में गिरती हवा की गुणवत्ता के चलते पूर्णत पटाखों की बिक्री और उपयोग में बैन लगाया था, लेकिन उसके बावजूद राजधानी में जमकर पटाखों का प्रयोग किया गया। दिल्ली के कालकाजी, आनंद विहार, कालिंदी, जसोला, लाजपत नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश, पंजाबी बाग पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली सहित राजधानी के अधिकत इलाकों में लोगों ने जमकर पटाखों के बैन के बावजूद आतिशबाजी का लुप्त उठाया।
पटाखों की अवैध बिक्री रोकने के लिए जांच टीम
दिल्ली सरकार ने दिवाली की रात स्थिति से निपटने के लिए 377 टीमों का भी गठन किया था, जिन्हें सादे कपड़ों में बाजारों में और हर एक इलाके में घूम कर यह निश्चित करना था कि कोई भी पटाखों पर लगे प्रतिबंध के बावजूद भी पटाखे न बेच सके और न ही कोई पटाखे चला सके, लेकिन इन 377 टीमों के होते हुए भी दिल्ली में खूब आतिशबाजी हुई, जो पूरी तरह तरह के पटाखों के पाबंदी के फैसले के ऊपर अब सवाल खड़ी कर रही है, चूंकि दिल्ली के कई इलाकों में बाजार के बीचों बीच टेबल कुर्सी लगाकर जमकर पटाखों को बेचा गया।
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वही पटाखे जलाते पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही गई थी, लेकिन उसके बाबजूद लोगों ने बेधड़क सड़को में जमकर आतिशबाजी की। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने ऐसे लोगों के खिलाफ जो सरकारी आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, उन पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज करने की चेतावनी भी जारी की थी, लेकिन उसके बावजूद जमकर रात के (Firecrackers burst on Diwali in Delhi) तीन बजे तक लोगों ने पटाखों का उपयोग किया।