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भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को 2023 में Piracy से हुआ ₹22,400 करोड़ का नुकसान: IAMA

IAMA Piracy caused loss of ₹22400 crore: दुनिया भर के बड़े बड़े व्यवसाय के लिए पायरेसी एक बड़ी समस्या है, इसमें मूल उत्पाद का क्लोन बनाकर कंपनियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया जाता है। जिससे कंपनियों को आर्थिक रूप से काफ़ी नुकसान झेलना पड़ता है। हाल के समय में डिजिटल पायरेसी ने एक बड़ा भयानक रूप ले लिया है।

पायरेसी के बारे में बात की जाए तो यह एक ऐसा तरीका है, जो किसी की कॉपीराइट सामग्री की गैर-कानूनी नकल, डिस्ट्रीब्यूशन या इस्तेमाल करने से है। इसमें संगीत, फिल्में, सॉफ्टवेयर और बौद्धिक संपदा आदि शामिल हो सकते हैं। इसी चोरी के चलते बड़े बड़े व्यवसाय घाटे में आ जाते है।

ताजा मामला फिल्म उद्योग से जुड़ा है, IAMA  इंटरनेट एवं मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय मनोरंजन उद्योग को 2023 में मूल सामग्री की चोरी यानी पाइरेसी से 22,400 करोड़ रुपये का भारी-भरकम नुकसान हुआ है।

फिल्म उद्योग को पाइरेसी से 22,400 करोड़

भारत में मूल सामग्री की चोरी के जरिये 2023 में 22,400 करोड़ रुपये की कमाई की गई। इसमें से 13,700 करोड़ रुपये सिनेमाघरों में अवैध तरीके बनाई की गई सामग्री से, जबकि 8,700 करोड़ रुपये ओटीटी प्लेटफॉर्म की सामग्री से हासिल किए गए। अनुमान है कि इससे 4,300 करोड़ रुपये तक का संभावित माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का नुकसान हुआ है। यानि कि इससे मूल सामग्री निर्माता के साथ साथ भारत सरकार को भी नुकसान हो रहा हैं।

 51% मनोरंजन उपभोक्ता का पायरेसी स्त्रोत से मनोरंजन

भारत में या कही भी किसी ओरिजनल कंटेंट (मनोरंजन फिल्में, शो) के निर्माण के लिए काफी अधिक राशि खर्च होती है, जिसके बाद यह उपभोक्ताओं से भी उसी खर्च के मुताबिक़ सेवा शुल्क लिया जाता है। लेकिन यह राशि काफ़ी अधिक होने के चलते उपभोक्ताओं द्वारा पायरेसी उत्पादों की ओर रुख किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 51 प्रतिशत मीडिया उपभोक्ता मूल सामग्री को अवैध स्रोतों (पाइरेटेड) से हासिल करते हैं। इसमें सबसे ज्यादा 63 प्रतिशत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये ऐसा किया जा रहा है।

2026 तक फिल्म मनोरंजन का कारोबार ₹14,600 करोड़

ऐसा दावा किया जा रहा है कि, 2026 तक फिल्म मनोरंजन का कारोबार ₹14,600 करोड़ तक पहुंच जाएगा। लेकिन इस तरह पायरेसी का व्यवसाय फलता और फूलता रहा तो इसे मनोरंजन उद्योग के साथ साथ भारत सरकार को भी बहुत अधिक नुकसान होने की आशंका बनी रहेंगी।

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आईएएमएआई की डिजिटल मनोरंजन समिति के चेयरमैन रोहित जैन ने इस समस्या को लेकर सभी हितधारकों सरकारी निकायों, उद्योग जगत की कंपनियों और उपभोक्ताओं को इस मुद्दे से निपटने के लिए एकजुट होने की जरूरत पर बल दिया साथ ही इसे रोकने के लिए संयुक्त प्रयास की बात (IAMA Piracy caused loss of ₹22400 crore) कही।

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