Ashneer Grover Withdraws Plea Against BharatPe: फिनटेक स्टार्टअप BharatPe के सह-संस्थापक और पूर्व प्रबंध निदेशक – अशनीर ग्रोवर ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दायर एक याचिका को वापस ले लिया है। असल में ये याचिका कंपनी के मैनेजमेंट के ख़िलाफ दायर की गई थी, जिसमें अशनीर ने कंपनी के बोर्ड पर दमनकारी व्यवहार और कुप्रबंधन जैसे आरोप लगाए थे। आपको बता दें, इसके पहले 30 सितंबर, 2024 को ग्रोवर और BharatPe के बीच एक समझौता हो गया था।
अशनीर ग्रोवर द्वारा NCLT के दिल्ली बेंच में दायर की गई याचिका को वापस लिए जाने की खबर ET की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है। इसमें बताया गया कि ग्रोवर के वकील ने याचिका वापस लेने के संबंध में आवेदन कर दिया है। एनसीएलटी को सौंपे गए इस आवेदन में बताया गया है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका है। इसके साथ ही इस समझौते की एक प्रति भी NCLT के समक्ष प्रस्तुत किए जाने की खबर है।
अशनीर ग्रोवर की याचिका
इस आवेदन को लेकर NCLT द्वारा आदेश भी दिया गया। एनसीएलटी ने कहा कि याचिका के लंबित होने के दौरान दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है और समझौता दिनांक 30 सितंबर, 2024 को किया गया। उसकी एक प्रति रिकॉर्ड में रखी गई है और समझौते के मद्देनजर याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दी गई है।
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इसके साथ ही NCLT ने याचिका को वापस लेने के आधार पर इसे खारिज कर दिया और वर्तमान आवेदन को समाप्त कर दिया। इतना ही नहीं बल्कि 17 अक्टूबर को अशनीर ग्रोवर ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल से भी अपनी एक अन्य याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्होंने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी।
दिलचस्प रूप से अपनी याचिका में ग्रोवर ने NCLT से BharatPe के प्रबंधन और बोर्ड में बदलावों को “अवैध” घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने अपने पद पर पुन: बहाली की भी अपील की थी और कंपनी के बोर्ड में बदलाव की वैधता पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा Shark Tank India का लोकप्रिय चेहरा रहे अशनीर ने BharatPe के निरीक्षण और ऑडिट करवाने के लिए कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से जांच की मांग की थी।
Ashneer Grover और BharatPe के बीच समझौता
लेकिन फिलहाल ये तमाम विवाद खत्म हो चुके हैं, क्योंकि दोनों पक्षों में आपसी सहमति के बाद समझौता हो गया है। समझौते के बाद यह तय किया गया कि अशनीर ग्रोवर अब किसी भी क्षमता में BharatPe से नहीं जुड़ेंगे और न ही कंपनी में किसी हिस्सेदारी के मालिक होंगे। ग्रोवर के कुछ शेयरों को ‘Resilient Growth Trust’ को कंपनी के हित में ट्रांसफर किया जाएगा और बाकी बचे हुए शेयर उनके पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा मैनेज किए जाएंगे।
इसके पहले अशनीर ग्रोवर को मार्च 2022 में BharatPe के प्रबंध निदेशक (MD) के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद, ग्रोवर और कंपनी के बीच कानूनी विवाद शुरू हो गए। इस विवाद का मुख्य मुद्दा प्रबंधन में बदलाव, कंपनी में वित्तीय अनियमितता और बोर्ड के कुछ फैसले थे। लेकिन अब साल 2024 में हुए समझौते के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अशनीर ग्रोवर और BharatPe अब किसी आपसी कानूनी लड़ाई में उलझना नहीं चाहते।