Railway track seen inside Ganga in Haridwar: हरिद्वार में गंगा नदी में मौजूद वीआईपी और हर की पैड़ी घाट पूरी तरह सुख गया है, जिसकी वजह गंग नहर को बंद किया जाना बताया जा रहा है। नदी में पानी न होने की वजह से उक्त स्थानों में गंगा नदी की तलहटी तक नज़र आने लगी है, इस दौरान गंगा नदी की तलहटी में एक बेहद ही दिलचस्प दृश्य देखने को मिला जो आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल नदी की तलहटी में वीआईपी घाट के पास रेलवे की पटरीनुमा लोहे के ट्रैक नजर आ रहे हैं, जिसके बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहें है कि गंगा नदी के अंदर ट्रेन किसने चला दी!
हरिद्वार रेलवे स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर दूर गंगा नदी के अंदर ट्रैक
गंग नहर से पानी न आने की वजह से हरिद्वार में वीआईपी घाट पूरी तरह सूख चुका है, जिसमें नदी की तलहटी साफ साफ़ नज़र आने लगी है। इसी तलहटी में रेलवे ट्रैक नुमा पटरियां नजर आ रही हैं, जो कि हरिद्वार रेलवे स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर दूर ये ट्रैक नदी के अंदर मौजूद है। लोग लोहे नुमा ट्रैक को छोटी ट्रेन चलने का स्थान तो कोई पानी में चलने वाली कोई अनोखी गाड़ी की ट्रैक लाइन बताते हुए अंदाजा लगा रहें हैं। जो कि बहुत अधिक वायरल भी हो रहा है।
ब्रिटिश कालीन हाथ गाड़ी पटरियां
जानकारों और इतिहासकारों के पास जब उक्त रेलवे ट्रैक की जानकारी पहुंची तो उन्होंने पटरियों को लेकर उड़ रही तमाम अटकलों को विराम लगाते हुए बताया कि, 1850 के आसपास गंग नहर के निर्माण के दौरान इन ट्रैक पर चलने वाली हाथगाड़ी का इस्तेमाल निर्माण सामग्री ढोने के लिए किया जाता था।
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भीमगौड़ा बैराज से डाम कोठी तक डैम और तटबंध बनाए जाने का काम पूरा होने के बाद अंग्रेज अफसर निरीक्षण करने के लिए इन गाड़ियों का इस्तेमाल करते थे। उक्त ट्रैक (Railway track seen inside Ganga in Haridwar) उन्हीं गाड़ियों के लिए बनाए गए होंगे।