BSNL To Roll Out 5G Network By June 2025: भारत के टेलीकॉम क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के बीच, सरकार संचालित कंपनी ‘भारत संचार निगम लिमिटेड’ यानी BSNL ने अगले साल मई तक देश भर में स्वदेशी रूप से विकसित 4G तकनीक के साथ 1 लाख बेस स्टेशनों का रोलआउट पूरा करने की योजना बना रही है। इसके बाद कंपनी 2025 तक 5G नेटवर्क की शुरुआत करेगी। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दी गई।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में बोलते हुए बताया है कि BSNL 4G नेटवर्क को पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक के साथ तैनात करेगा। दिलचस्प रूप से यह नेटवर्क सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) और घरेलू IT कंपनी TCS द्वारा विकसित किया गया है।
इस मौक़े पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा:
“हमारी 4G कोर और रेडियो एक्सेस नेटवर्क अब पूरी तरह से कार्यात्मक है। हमने अब तक 38,300 साइट्स को चालू कर दिया है, और अगले साल अप्रैल-मई तक 1 लाख साइट्स को पूरी तरह से तैनात करने की योजना है। इसके बाद, हम 5G में शिफ्ट होंगे और जून 2025 तक देशभर में 5G नेटवर्क लॉन्च करेंगे।”
BSNL 5G Roll Out
इस बात में कोई शक नहीं है कि बीते कुछ दशकों में भारत का टेलीकॉम क्षेत्र कई बड़े बदलावों का गवाह बना है। इसी के विकास पर जोर देते हुए केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने बताया कि जहां भारत 4G तकनीक में दुनिया के साथ चला, वहीं 5G में भी दुनिया के साथ कदम मिलाकर बढ़ रहा है। इतना ही नहीं बल्कि उनका दावा रहा कि 6G तकनीक के क्षेत्र में भारत दुनिया का नेतृत्व करता भी नज़र आ सकता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का जिक्र करते हुए यह भी कहा गया कि भारत अब किसी अन्य देश की तकनीक पर निर्भर नहीं रहेगा। सिंधिया के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट निर्देश है कि BSNL को किसी दूसरे देश के उपकरण का उपयोग नहीं करना है। स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके 5G और 6G में कदम बढ़ाएं जाएँगे।
वैसे देखा जाए तो भारत ने अपेक्षाकृत 5G नेटवर्क को काफी तेज गति से तैनात किया है। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, महज 22 महीनों में देशभर में 4.5 लाख टावर लगाए गए, जिससे 80% आबादी को कवर किया गया। गौर करने वाली बात है कि भारत में 5G के तेजी से विस्तार ने इसे दुनिया में सबसे तेज 5G रोलआउट वाले देशों में शामिल कर दिया है।
ब्रॉडबैंड को लेकर आँकड़े
इस बीच ब्रॉडबैंड कनेक्शन्स की संख्या भी देश में 60 मिलियन से बढ़कर 940 मिलियन तक चली गई है। दूरसंचार मंत्री के अनुसार, 10 साल पहले एक वॉयस कॉल की कीमत 50 पैसे थी, जो अब घटकर मात्र 3 पैसे रह गई है। वहीं 1 GB डेटा की कीमत 10 साल पहले ₹289 थी, जो अब घटकर लगभग ₹10 तक भी आ गई है।