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ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर साइबर अटैक, इजरायल ने लिया बदला!

India advisory its citizens not to go to Iran-Israel

Cyber attack on Iran nuclear sites: मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच में ईरान पर भारी साइबर अटैक हुआ है. इन हमलों ने ईरानी सरकार की सभी तीनों शाखाओं को बाधित कर दिया, इसके अलावा ईरान की परमाणु सुविधाओं भी इन साइबर हमलों की शिकार हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बड़े साइबर अटैक के माध्यम से हैकरों ने कई अहम जानकारियां चुराई है।

अभी तक इस सायबर अटैक को लेकर स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं है कि यह सब कब हुआ है, किसके कहने में या फिर किसने किया है लेकिन इस बड़े सायबर अटैक के पीछे इजराइल का नाम सामने आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट में इज़राइल का नाम इसलिए सामने आ रहा है कि पिछले दिनों ईरान ने इजराइल में मिसाइलों की बरसात कर दी, जिससे इजराइल को ज्यादा कुछ नुकसान तो नही हुआ था लेकिन उसने ईरान को इस हरकत के लिए हर्जाना भुगतने की धमकी दी थी।

ईरान की ओर से साइबर हमले की जानकारी खुद दी गई

ईरान में हुए बड़े साइबर हमले को लेकर जानकारी स्वयं ईरान की ओर से दी गई। ईरान की सुप्रीम काउंसिल साइबर स्पेस के पूर्व सचिव फिरोजाबादी ने इस हमले की जानकारी देते हुए कहा, ‘ईरानी सरकार की करीब तीनों शाखाएं न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका तीनों पर भारी साइबर हमले हुए हैं और उनकी सूचनाएं चुराई गई हैं।

हमारी परमाणु सुविधाओं को भी साइबर हमलों का शिकार बनाया गया हैं। इसके अलावा हमारे ईंधन वितरण नेटवर्क, न्यायपालिका नेटवर्क, परिवहन नेटवर्क, बंदरगाह और इस तरह के अन्य क्षेत्रों पर भी साइबर हमला हुआ है। साइबर हमलों से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों की एक लंबी लिस्ट है, ये केवल उसका एक छोटा हिस्सा है।

ईरान से बदला लेने के लिए बैठक का आयोजन

इस बड़े साइबर हमले से पहले इजराइल में ईरान से बदला लेने के लिए एक आधिकारिक लेवल की बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता इजराइल के पीएम ब्रेजमिन नेतन्याहू ने की थी। ईरान पर संभावित जवाबी हमले पर चर्चा के लिए इज़राइल की सुरक्षा कैबिनेट 10 अक्टूबर को बुलाई गई थी।

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वही दूसरी ओर इजरायल डिफेंस फोर्स की ओर से बुधवार (10 अक्टूबर 2024) को कहा था कि हम ईरान के हमले का जवाब देने में सक्षम हैं और इसका जवाब हर हाल में देंगे। ऐसे में इस साइबर हमले को लेकर इजरायल शक के घेरे में आ रहा है, लेकिन अब तक इस साइबर हमले को लेकर इजरायल ने स्वीकृति दी है, न ही ईरान की ओर से कोई आरोप (Cyber attack on Iran nuclear sites) लगाए गए है।

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