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भ्रष्ट और खराब प्रदर्शन वाले कर्मचारी निकाले जाएंगे, PM मोदी का आदेश

PM’s order for corrupt and poorly performing employees: काम में लापरवाही बरतने और भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है, ऐसे लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसे अधिकारियों- कर्मचारियों की पहचान करके उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है। मीडिया सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद बुधवार (9 अक्टूबर 2024) को सभी केंद्रीय मंत्रियों और सचिवों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की थी।

पीएम मोदी ने सभी केंद्रीय सचिवों से नियमों के अनुसार अपने-अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने ‘सार्वजनिक हित’ में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही है

नौकरी से बर्खास्त करने की होगी कार्यवाई

प्रधानमंत्री मोदी ने CCS (पेंशन) नियमों के मूल नियम 56 (J) का हवाला दिया, जिसमें उपयुक्त प्राधिकारी सार्वजनिक हित में सेवा में अयोग्य पाए गए सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त कर सकता है। पीएम ने निर्देश दिए कि सक्षम अधिकारी अपने-अपने विभागों के कर्मचारियों के काम की मॉनिटरिंग करेंगे। इस दौरान अगर किसी कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है तो उस पर ऐसी कार्रवाई हो सकती है।

CCS (पेंशन) नियम 55 वर्ष से अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों के लिए संकट खड़ा कर सकता है, जो अपने काम में अब तक लापरवाही बरतते आ रहे थे। इस नियम में प्राधिकारी 30 साल की सेवा के बाद कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे सकता है। हालांकि इस दौरान सरकार कर्मचारियों को अधिकतम 3 महीने का वेतन, नोटिस या भत्ता देना होता है।

पीएमओ में 10 साल में 4.5 करोड़ शिकायतें

पीएम नरेंद्र मोदी ने सरकार में मंत्रियों और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करें की फाइलों को एक डेस्क से दूसरी डेस्क पर धकेलने की बजाय सार्वजनिक शिकायतों का व्यापक और शीघ्रता से समाधान किया जाए। उन्होंने सचिवों से शिकायतों का समाधान करने के लिए हर सप्ताह एक दिन का समय निकालने और राज्य मंत्रियों से उनकी निगरानी करने को भी कहा।

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पीएम ने कहा कि पिछले 10 साल में पीएमओ को लोगों की शिकायतों सहित 4.5 करोड़ शिकायती पत्र मिले हैं, जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल के आखिरी 5 साल में सिर्फ 5 लाख ऐसे लेटर मिले थे। उन्होंने दावा किया कि लोग सरकार से अपनी शिकायतें हल होने की आशा करते है, इसलिए ऐसी (PM’s order for corrupt and poorly performing employees)  सभी शिकायतों का निराकरण जल्द हो।

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