SpaceX To Launch ESA’s Hera Mission: यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का हेरा मिशन (Hera Mission) आज लॉन्च होने जा रहा है। इस मिशन को अंतरिक्ष में भेजने का उद्देश्य ग्रहों की रक्षा करना और अंतरिक्ष में छिपे खतरों से पृथ्वी को बचाना है। ESA का Hera मिशन आज SpaceX के Falcon 9 रॉकेट के जरिए भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन (फ्लोरिडा) से लॉन्च किया जाएगा। अगर मौसम के कारण लॉन्च स्थगित होता है, तो बैकअप लॉन्च की तिथि 8 अक्टूबर को 8:16 PM IST रखी गई है।
Hera मिशन का मुख्य उद्देश्य 160 मीटर चौड़े एस्टेरॉयड डिमॉर्फोस का अध्ययन करना है। यह वही एस्टेरॉयड है, जिसे NASA के DART (Double Asteroid Redirection Test) मिशन ने 2022 में टक्कर मारकर उसकी दिशा बदलने की कोशिश की थी। हेरा मिशन का काम DART मिशन के प्रभाव का अध्ययन करना और यह जांचना है कि क्या सच में एक स्पेसक्राफ्ट एस्टेरॉयड की दिशा बदल सकता है?
इस ऐतिहासिक मिशन का लाइव लॉन्च आप SpaceX के आधिकारिक X अकाउंट पर या NASA के आधिकारिक YouTube पर देख सकते हैं। इस मिशन में SpaceX के Falcon 9 रॉकेट का उपयोग किया जा रहा है, और यह बूस्टर का 23वां और अंतिम मिशन होगा। इस बूस्टर ने पहले 10 Starlink मिशन के अलावा NASA के Crew-1 और Crew-2 जैसे महत्वपूर्ण अंतरिक्ष यात्री मिशनों का भी सप्पोर्ट किया है।
SpaceX To Launch ESA’s Hera Mission: उद्देश्य
जैसा हमनें पहले ही बताया, Hera मिशन का प्रमुख उद्देश्य 160-मीटर चौड़े क्षुद्रग्रह डिमॉर्फोस (Dimorphos) का बारीकी से अध्ययन करना है। वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या किसी स्पेसक्राफ्ट के जरिए क्षुद्रग्रह की दिशा को सफलतापूर्वक बदला जा सकता है, ताकि भविष्य में किसी बड़े क्षुद्रग्रह से टकराने के खतरे से पृथ्वी को बचाया जा सके।
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ESA के अनुसार, Hera स्पेसक्राफ्ट डिमॉर्फोस तक दिसंबर 2026 में पहुंचेगा और इसके चारों ओर कक्षा में प्रवेश करने के बाद जनवरी या फरवरी 2027 में इसका निरीक्षण शुरू करेगा। इस निरीक्षण से बाइनरी क्षुद्रग्रह प्रणाली (Binary Asteroid System) का पहला सर्वेक्षण किया जाएगा।
Teams encapsulated @NASA ‘s Europa Clipper spacecraft into Falcon Heavy’s fairing earlier this week ahead of next week’s Falcon Heavy launch from pad 39A in Florida pic.twitter.com/ZPJnEvHfMV
— SpaceX (@SpaceX) October 4, 2024
Hera मिशन के साथ दो छोटे CubeSats भी भेजे जा रहे हैं – Juventus और Milani। ये CubeSats मुख्य स्पेसक्राफ्ट के साथ डिमॉर्फोस की कक्षा में छोड़े जाएंगे। Juventus डिमॉर्फोस के आंतरिक गुणों का अध्ययन करेगा, जबकि Milani उसके सतह के रंग और तापमान का अध्ययन करेगा। स्पेसक्राफ्ट में कुल 12 Payloads हैं। स्पेसक्राफ्ट का कुल वजन 1214 किलोग्राम है, जिसमें से 518 किलोग्राम प्रोपेलेंट है।
Hera मिशन के तहत मिलने वाले आंकड़े वैज्ञानिकों को ग्रहों की रक्षा तकनीक विकसित करने में मदद करेंगे। यह तकनीक अगर सफलतापूर्वक विकसित होती है, तो भविष्य में पृथ्वी को एक विनाशकारी क्षुद्रग्रह टकराव से बचाने में सक्षम होगी। दिलचस्प रूप से यूरोपीयन एजेन्सी के इस Hera मिशन को पृथ्वी व ग्रहों की सुरक्षा के लिहाज से अब तक के सबसे अहम पहलों में से एक के रूप में देखा जा रहा है।