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विवादों के बीच ‘संसदीय समिति’ ने किया SEBI प्रमुख माधबी बुच को तलब: रिपोर्ट

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Photo Credit: LinkedIn - Madhabi Puri Buch

Parliamentary panel summons SEBI chief Madhabi Puri Buch: हाल में तमाम तरह के विवादों और आरोपों से घिरी नजर आई भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) प्रमुख, माधबी पुरी बुच को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) द्वारा 24 अक्टूबर को तलब किए जाने की खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेबी प्रमुख माधाबी पुरी बुच को PAC ने तलब किया है, साथ ही आर्थिक मामलों के विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी पेश होने का आदेश दिया गया है।

आपको याद ही होगा कि हाल में SEBI प्रमुख माधाबी पुरी बुच अडानी-हिंडनबर्ग विवाद के केंद्र में आ गई हैं। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने Adani Group पर वित्तीय गड़बड़ियों और SEBI की निष्क्रियता को लेकर तमाम तरह के आरोप लगाएं थे। हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख पर आरोप लगाया कि Adani Group के खिलाफ पर्याप्त जांच नहीं की जाने दी गई। इकोनॉमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट के अनुसार, SEBI प्रमुख को इन वजहों से भी तलब किया गया है।

Parliamentary panel summons SEBI chief

बता दें, PAC की अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.सी. वेणुगोपाल कर रहे हैं, और इसमें भारतीय जनता पार्टी (NDA) और विपक्षी गठबंधन (INDIA) दोनों के सदस्य शामिल हैं। सामान्यतः इस समिति की रिपोर्ट और चर्चाएं देश के वित्तीय और दूरसंचार नियमों आदि के भविष्य को आकार देने में अहम रोल निभाती हैं।

दिलचस्प ये है कि कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने आज एक व्यापक प्रेस वार्ता आयोजित करते हुए सेबी चेयरमैन माधबी पुरी बुच को लेकर कई खुलासे किए और उन पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए। इसमें सबसे प्रमुखता से ICICI बैंक से वेतन लेने का मामला उठाया गया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि SEBI की वर्तमान प्रमुख माधबी पुरी बुच ICICI बैंक से भी वेतन प्राप्त कर रही थीं, जो नियमों के उल्लंघन का सीधा मामला बनता है। उन्होंने कहा कि सेबी का मुख्य कार्य शेयर बाजार को विनियमित करना है, जो देश के निवेशकों के पैसे की सुरक्षा से जुड़ा है। ऐसे में सेबी चेयरमैन को लेकर सामने आई ये दावे और भी गंभीर हो जाते हैं।

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बैठक में सम्भावनाएँ

रिपोर्ट के अनुसार, वैसे तो PAC की यह बैठक SEBI और TRAI के कामकाज की समीक्षा करेगी, लेकिन इस दौरान SEBI प्रमुख माधवी बुच से भी उन पर लग रहे तमाम आरोपों को लेकर जवाब मांगा जा सकता है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर कथित रूप से वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियां अपारदर्शी तरीके से काम कर रही हैं, लेकिन SEBI ने 18 महीनों के बाद भी इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की।

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इतना ही नहीं बल्कि हिंडनबर्ग ने SEBI प्रमुख माधाबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की भूमिका पर भी सवाल उठाए और दोनों के अप्रत्यक्ष रूप से अडानी ग्रुप से जुड़े होने का भी दावा किया गया था। हालाँकि, अडानी ग्रुप और बुच दंपत्ति ने इन आरोपों का खंडन किया है।

संसदीय समिति के कार्य

देखा ज्याएँ तो PAC की इस बैठक का मुख्य एजेंडा संसद द्वारा स्थापित नियामक निकायों के प्रदर्शन की समीक्षा करना हो सकता है। SEBI और TRAI के प्रतिनिधियो से यह जानने की कोशिश की जाएगी कि ये संस्थाएं अपने कार्यों को कितनी प्रभावी रूप से कर रही हैं। इस दौरान SEBI के अधिकारियों से विशेष रूप से अडानी-हिंडनबर्ग विवाद और संस्था प्रमुख की भूमिका पर सवाल पूछे जा सकते हैं।

इसके आलवा बैठक में TRAI से भी उनके संचालन और दूरसंचार क्षेत्र में नियमों के पालन पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में जीएसटी संग्रह और विभागीय गतिविधियों पर भी चर्चा होगी। राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से जीएसटी नोटिस और कलेक्शन के मुद्दों पर बातचीत किए जाने की संभावना है, खासकर हाल ही में आईटी दिग्गज Infosys को जारी किए गए नोटिसों को लेकर भी जानकारी मांगी जा सकती है।

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