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IIIT से बीटेक करने वाले छात्र अब करेंगे ‘ChatGPT’ की पढ़ाई

IIIT से बीटेक करने वाले छात्र अब करेंगे ‘ChatGPT’ की पढ़ाई

  • नई शिक्षा नीति के मुताबिक अपडेट हुआ पाठ्यक्रम
  • ट्रिपलआईटी के छात्रों को पढ़ाया जाएगा ChatGPT
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IIIT BTech Students Will Study ChatGPT: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) ने अपने बीटेक पाठ्यक्रम में एक नया और अनूठा बदलाव करते हुए डिजाइन थिंकिंग को सत्र 2024-25 से मुख्य विषय के रूप में शामिल किया है। अब सभी ब्रांच के बीटेक छात्र अनिवार्य रूप से डिजाइन थिंकिंग और जेनरेटिव एआई जैसे टूल्स का उपयोग सीखेंगे। इसके तहत छात्रों को OpenAI के लोकप्रिय चैटबॉट टूल ChatGPT के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। कोर्स को नई शिक्षा नीति के मुताबिक अपडेट किया गया है।

बताया जा रहा है कि इससे छात्रों को न केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में महारत दिलाएगी, बल्कि उन्हें वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए डिजाइन थिंकिंग की कुशलता भी सिखाएगी। हिंदुस्तान में प्रकाशित एक रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। डिजाइन थिंकिंग का असल मतलब एक तरह की प्रॉब्लम सॉल्विंग प्रक्रिया को सीखना है, जिससे बीटेक छात्रों को वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाया जा सके।

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मौजूदा समय में ChatGPT समेत अन्य तमाम AI टूल्स की भूमिका तेजी से बढ़ रही है और ऐसे में तकनीकी छात्रों के लिए भी इन टूल्स व इनसे संबंधित डेटा का गहन विश्लेषण करना और इसके उपयोगों और प्रभावों को समझना बहुत ज़रूरी हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज स्थित इस संस्थान के निदेशक ने बताया कि डिजाइन थिंकिंग और जेनरेटिव AI के माध्यम से छात्र चैटबॉट्स, इमेज जेनरेशन टूल्स जैसी तकनीकों को समझ व इस्तेमाल कर सकेंगे, जो पढ़ाई से लेकर बिजनेस स्किल तक में काम आएगा।

IIIT BTech Students Will Study ChatGPT

माना जा रहा है कि डिजाइन थिंकिंग को बीटेक पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्रों को कई फायदें होंगे। इनमें वास्तविक जीवन की समस्याओं का तकनीकी इस्तेमाल से समाधान से लेकर एआई आधारित टूल्स के उपयोग से डेटा के बेहतर विश्लेषण जैसे काम शामिल हैं। इसके साथ ही छात्रों के बीच इनोवेशन और क्रीएटिविटी को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा।

दिलचस्प है कि इस बार संगमनगरी में महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए ट्रिपलआईटी के वैज्ञानिक एआई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके तहत मेले के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी की जाएगी और एक विशेष एप के माध्यम से यात्रियों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) अपने इनोवेशन और उच्च-स्तरीय तकनीकी योगदान के लिए प्रसिद्ध है। डिजाइन थिंकिंग, चैटजीपीटी, और एआई जैसी तकनीकों को बीटेक पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ-साथ, संस्थान दिव्यांगों के लिए सशक्तिकरण और महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के लिए तकनीकी समाधान तैयार करने में जुटा है।

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