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अब ‘टॉयलेट सीट’ के हिसाब से लगेगा ‘टैक्स’? हिमाचल सरकार ने दिया बयान

himachal pradesh government Tax charged according to toilet seat: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है, जिसमें कहा जा है कि सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश के शहरी नागरिकों से अब टॉयलेट सीट के भी टैक्स वसूलने की तैयारी में जुटी हुई हैं। इस संबंध में एक अधिसूचना जारी होने की बात भी कई मीडिया रिपोर्ट में कही गई है, जिसके हवाले से कहा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार लोगों पर अब उनके घरों में शौचालय सीटों की संख्या के आधार पर टैक्स लगाने जा रही हैं।

[UPDATE]: आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद – सीएम 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में टॉयलेट सीट पर टैक्स लगाने के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। उनके मुताबिक, बीजेपी ने पानी का बिल फ्री कर दिया था, लेकिन अब सरकार ने पानी का बिल लेने की बात की है। टॉयलेट टैक्स जैसा कोई टैक्स नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सक्षम लोगों को मुफ्त में रेवड़ियां बांटीं।

टॉयलेट टैक्स शहरी क्षेत्रों के रहवासियों के ऊपर

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कथित अधिसूचना को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं थी लेकिन जल शक्ति विभाग की ओर से 21 सितंबर को अतिरिक्त मुख्य सचिव जल शक्ति विभाग ओंकार शर्मा की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की जा चुकी है। विभाग ने इसको लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है कि 1 अक्टूबर से इसे लागू कर दिया गया है।

यह टॉयलेट टैक्स शुल्क राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के उन उपभोक्ताओं से लिया जायेगा, जो सीवरेज सिस्टम का उपयोग कर रहें है। इसमें प्रति टॉयलेट ₹25 महीना जल कर के अतरिक्त उपभोक्ताओं से लिया जायेगा। जहां पर सीवरेज की सुविधा नहीं है वहां पर यह शुल्क नहीं लगेगा।

नवंबर महीने से बिल में यह चार्ज जुड़कर आने लगेगा

राज्य में जहां भी सीवरेज की सुविधा सरकार द्वारा शुरू की गई है, उन इलाकों में अक्टूबर का पानी के बिल के साथ टॉयलेट टैक्स शुल्क नवंबर महीने में आने वाले बिल में जुड़कर आने लगेगा। बता दे, कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इससे पूर्व पानी में भी चार्ज वसूलना शुरू कर दिया था। राज्य में इससे पूर्ववती सरकार के दौर में नागरिकों के लिए राज्य में पानी का कोई शुल्क नहीं लिया जाता था।

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मुख्य अभियंता, जलशक्ति विभाग कांगड़ा सुरेश महाजन ने इस संबंध में एक बयान में कहा है कि शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल का 30 प्रतिशत हिस्सा सीवरेज शुल्क के रूप में देना होगा। इसके अतिरिक्त अपना पानी का स्रोत उपयोग करने और सिर्फ सीवरेज कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं से प्रति टॉयलेट सीट 25 रुपये शुल्क लिया जाएगा। अक्तूबर से व्यवस्था लागू हो( himachal pradesh government Tax charged according to toilet seat)  चुकी है।

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