Insurance Rules Change: केंद्र सरकार बीमा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिसके तहत बीमा कानून में संशोधन किया जा सकता है। इस संशोधन से बीमा कंपनियों को सभी प्रकार की बीमा पॉलिसी बेचने की अनुमति मिल सकती है। वर्तमान में जीवन बीमा कंपनियां केवल जीवन बीमा से संबंधित पॉलिसी बेच सकती हैं, जबकि जनरल इंश्योरेंस कंपनियां केवल स्वास्थ्य, मोटर, दुर्घटना जैसी पॉलिसी बेचने के लिए अधिकृत हैं।
सामने आ रही ख़बरों के अनुसार, इस नए बदलाव से इन श्रेणियों की बाधाएं समाप्त हो जाएंगी और सभी कंपनियों को हर प्रकार पॉलिसी बेचने की अनुमति होगी। इस संबंध में ZeeNews की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की योजना बीमा कानून में संशोधन के बाद कंपनियां जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, वाहन बीमा, और अन्य सभी प्रकार की बीमा पॉलिसी बेचने की स्वतंत्रता प्रदान करने की है।
Insurance Rules Change: लागू होंगे नए नियम
आपको बता दें, वर्तमान नियमों के तहत बीमा कंपनियों को केवल उन्हीं श्रेणियों में पॉलिसी बेचने की अनुमति है, जिनमें उन्होंने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के तहत पंजीकरण कराया है। इस बदलाव को लेकर वित्त मंत्रालय में तैयारी चल रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार इसके लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर सकती है, जिसमें वित्तीय सेवाएं सचिव से लेकर IRDAI के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे। कहा जा रहा है कि संशोधन से जुड़ा ड्राफ़्ट तैयार कर लिया गया है, जिसे अब सरकार के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस मसौदे को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।
बीमा कंपनियों को होगा लाभ
जाहिर है अगर ये बदलाव होते हैं तो बीमा कंपनियों को विभिन्न पॉलिसी के लिए अलग-अलग लाइसेंस की मुश्किलों से निजात मिलेगी। अब तक कंपनियों को अलग-अलग कैटेगरी में पॉलिसी बेचने के लिए अलग-अलग लाइसेंस की आवश्यकता होती थी, लेकिन इस बदलाव के बाद एक ही लाइसेंस से सभी प्रकार की पॉलिसी बेची जा सकेगी। ऐसे में सभी बीमा कंपनियों के लिए थीम-बेस्ड इंश्योरेंस लाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
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दिलचस्प यह है कि सरकार ने 2047 तक देश के प्रत्येक नागरिक को बीमा कवरेज से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में यह बदलाव अहम साबित हो सकता है। एक ओर इन संभावित बदलावों के चलते जहां बीमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, वहीं ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं और रियायती दरों पर बीमा कवरेज मिल सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में कुल 57 बीमा कंपनियां हैं, जिनमें से 24 जीवन बीमा और 34 गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में पॉलिसी बेचती हैं।
इस बीच अगर आपको याद हो तो कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जीवन बीमा और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को हटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह सीनियर सिटीजन के लिए एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ है और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाला टैक्स इंडस्ट्री की ग्रोथ में बाधक साबित हो रहा है।