Rajasthan government action after Tirupati laddu controversy: दक्षिण भारत में हिंदुओ के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर (वेंकेटश स्वामी) में कथित तौर पर मंदिर में दिए जानें वाले लड्डू के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और वसा का प्रयोग किए जानें की बात सामने आने के बाद अब राजस्थान की भजन लाल सरकार भी हरकत में आई है। राजस्थान सरकार ने एक सरकारी आदेश में राज्य में मौजूद सभी बड़े मंदिरों जहां भी प्रसाद में इस प्रकार की सामग्री मन्दिर आने वाले भक्तों को दी जाती है, उसके जांच के आदेश दिए हैं।
चार दिनों तक प्रसाद की सामग्री की होगी जांच
राज्य में मौजूद बड़े मंदिरों में चार दिन तक जांच अभियान चलाया जाएगा, जिसमें प्रसाद में दी जानें वाली सामग्री की जांच की जायेगी। उक्त अभियान 23 सितंबर से 26 सितंबर के बीच राज्य के मंदिरों में चलाया जायेगा। राजस्थान में 14 मंदिरों के पास प्रमाण पत्र हैं। मंदिरों में प्रसाद के तौर में दी जानें वाली सामग्री की जांच के लिए चलाए जानें वाले इस अभियान को ‘शुद्ध आहार मिलावट पर वार’ अभियान के तहत शामिल किया गया है।
तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद
इससे पहले तिरुपति मंदिर में दिए जानें वाले लड्डू के प्रसाद को लेकर एक बेहद चौकाने वाला खुलासा हुआ था, जिसमें राज्य की पूर्ववती सरकार के ऊपर वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने करोड़ों हिंदुओं के धर्म को खंडित करने की कथित साजिश का आरोप लगाया था। राज्य के बड़े और दुनिया के सबसे धनवान मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी मंदिर में दिए जानें वाले लड्डू के प्रसाद में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल होने की पुष्टि हुई थी, जिसे लेकर राज्य के पूर्व कांग्रेस सीएम और उनकी सरकार कटघरे में है।
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वही दुसरी ओर इन आरोपों को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने सिरे से नकार दिया है, उन्होंने कहा कि मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी का इस्तेमाल कभी नहीं हुआ, चन्द्रबाबू नायडू सिर्फ लोगों को भड़काने कर अपना राजनीतिक हित साध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लोगों का ध्यान भटकाने के लिए (Rajasthan government action after Tirupati laddu controversy) चंद्रबाबू नायडू ने ये झूठ फैलाया।