Anil Ambani company becomes debt free: अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड (रिलायंस पावर) ने सीएफएम एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (सीएफएम) के साथ सभी विवादों का निपटारा कर लिया है। जिसके बाद उनकी एक बड़ी परेशानी खत्म हो चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अनिल अंबानी के ग्रुप की रिलायंस पावर ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के लिए गारंटर के तौर पर ₹3872 करोड़ के पूरी देनदारी चुका दी है। रिलायंस पावर के मुताबिक अब बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस का कोई बकाया नहीं है।
वीआईपीएल के शेयरों को गिरवी रखा गया
सीएफएम और रिलायंस पावर के विवाद का निपटारा करने के लिए समझौते के तहत वीआईपीएल के 100% शेयर सीएफएम के पास गिरवी रख दिए गए हैं और रिलायंस पावर द्वारा दी गई कॉर्पोरेट गारंटी जारी कर दी गई है। आपकों बता दे, विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर पूर्व में रिलायंस पावर की सहायक कंपनियो में से एक थी। लेकिन 19 सितंबर, 2024 से विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर (वीआईपीएल) RPower की सहायक कंपनी नहीं रहेगी।
सीएफएम के साथ विवाद सुलझने ₹3872 करोड़ की देनदारी चुकाने की खबर सामने आने के बाद रिलायंस पावर के शेयरों में भी जबरदस्त तेजी आई है। रिलायंस पावर के शेयर बीते दो दिनों से लगातार अपर सर्किट लग रहे हैं, रिलायंस पावर के शेयर लगातार 5% का अपर सर्किट छू रहे हैं। बुधवार (18 सितंबर 2024) को रिलायंस पावर के शेयर एक बार फिर से अपर सर्किट के साथ 32.98 रुपये पर पहुंच गए।
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गौरतलब हो, कभी देश में अमीरों की सूची में शीर्ष धनवानों में रहने वाले अनिल अंबानी और उनकी कम्पनी के तारे फर्श में आ गिरे थे, लेकिन धीरे धीरे ही सही उनकी और उनकी कंपनी के तारों के वापिस अर्श में जानें की संभावना बनने लगी है। कंपनी ने धीरे धीरे अपना सारा कर्ज चुका दिया है, अब कम्पनी के शेयर चढ़ने लगे हैं तो वहीं कंपनी को ऑर्डर भी मिलने लगे। रिलायंस पावर ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन (Anil Ambani company becomes debt free) ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ई-रिवर्स नीलामी के जरिए 500 मेगावाट का बैटरी स्टोरेज की डील हासिल की है, जिसके बाद कंपनी का मार्केट कैप 13,247.97 करोड़ रुपये पहुंच गया है।