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आतिशी मार्लेना होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, केजरीवाल ने रखा प्रस्ताव

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Atishi Marlena To Be New Chief Minister of Delhi: दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से आतिशी मार्लेना को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिए जाने की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, यह निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में हुई पार्टी की अहम बैठक में लिया गया। इस फैसले ने दिल्ली के राजनीतिक में नई हलचल पैदा कर दी है।

बताया जा रहा है कि मंगलवार को आयोजित AAP विधायकों की बैठक में खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से अपनी सहमति दी। बैठक के दौरान आतिशी को विधायक दल का नेता भी चुना गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वे ही दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी।

अरविंद केजरीवाल ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे इस्तीफा देने का मन बना चुके हैं। मंगलवार को पार्टी की बैठक के बाद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपने का समय निर्धारित किया। साथ ही नए मुख्यमंत्री के तौर पर आतिशी के नाम की सिफारिश भी उपराज्यपाल को दी जाएगी।

Atishi Marlena To Be New Chief Minister of Delhi

आतिशी आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। वह फिलहाल दिल्ली की कालकाजी सीट से विधायक हैं। वह अरविंद केजरीवाल के विश्वसनीय करीबियों में गिनी जाती हैं। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को शिक्षा मंत्रालय समेत कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

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दिलचस्प रूप से इस महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव के बाद, आम आदमी पार्टी 26 और 27 सितंबर को दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की योजना बना रही है। इस सत्र में सरकार के नए नेता को विधिवत चुना जाएगा और आगे की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।

सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया

इस बीच दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठता है, इसका कोई विशेष महत्व नहीं है। उनका कहना था कि दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं, और चाहे मुख्यमंत्री कोई भी बने, पार्टी के नेतृत्व में समर्थन केजरीवाल को ही मिलेगा। सौरभ भारद्वाज ने इस संदर्भ में भरत और भगवान राम की कहानी का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे भरत ने भगवान राम के खड़ाऊं रखकर शासन किया था, वैसे ही अब कुछ महीनों तक नए मुख्यमंत्री की यह जिम्मेदारी होगी।

आपको बता दें, केजरीवाल सरकार पिछले कुछ समय से दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के चलते घिरी नजर आई है। इस घोटाले को लेकर उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगे थे। इस विवाद के चलते अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे इस्तीफा देंगे और जनता से यह सवाल पूछेंगे कि क्या वे ईमानदार हैं। जब तक उन्हें जनता से ईमानदारी का प्रमाण नहीं मिल जाता, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। केजरीवाल का यह कदम राजनीति में ईमानदारी और नैतिकता के सवाल को लेकर है, जिसे उन्होंने खुद ‘अग्निपरीक्षा’ करार दिया।

वैसे अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी का मुख्यमंत्री पद संभालना, दिल्ली की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है। जनता की अपेक्षाएं और विपक्ष की चुनौतियां आतिशी के लिए बड़े इम्तिहान होंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आतिशी किस तरह से इन सभी चुनौतियों का सामना करती हैं।

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