Site icon NewsNorth

‘एक देश, एक चुनाव’ का फॉर्मूला मोदी सरकार मौजूदा कार्यकाल में ही कर सकती है लागू

elections-results-live-update-pm-modi-trailing-in-varanasi-smriti-irani-also

Image Credit: Twitter Video (Narendra Modi / @narendramodi)

One country one election formula: नरेंद्र मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में इस बार कई महत्वावंक्षी योजनाओं को लागू करने में विचार कर रही है, जिसमें से एक योजना  ‘एक देश, एक चुनाव’ को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाएं जानें के लिए प्रयासरत हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि एक देश एक चुनाव को लेकर एनडीए के साथ साथ विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन प्राप्त होगा। लेकिन इसे लागू करने के लिए सरकार के सामने कई चुनौतियां भी सामने है, इस बीच अब कोविंद समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है, साथ ही जल्द विधि आयोग भी 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है।

पीएम मोदी कर चुके ‘एक देश, एक चुनाव’ की वकालत

एक देश और एक चुनाव को लेकर हाल भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से किए गए नरेंद्र मोदी के संबोधन में इस बात को साफ़ जाहिर किया था। उन्होंने लाल किले के प्राचीर से अपने सम्बोधन में एक देश एक कानून को लेकर कहा था कि, बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है। मोदी ने कहा था राष्ट्र को ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा। प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों से ‘लाल किले से और राष्ट्रीय तिरंगे को साक्षी मानकर राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने’ का आग्रह किया था।

नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे

विपक्ष के तमाम दावों के बीच नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने 100 दिन पूरे कर लिए है, इस उपलब्धि के बाद मीडिया सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर एकजुटता शेष कार्यकाल में भी बनी रहेगी।

मीडिया के सूत्रों ने यह भी बताया कि निश्चित रूप से, इसे (एक देश- एक चुनाव) इसी कार्यकाल में क्रियान्वित किया जाएगा। यह एक वास्तविकता होगी। वही भाजपा लोकसभा चुनावों में भी अपने घोषणापत्र में एक देश एक चुनाव का वादा कर चुकी है। ऐसे में सरकार इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए अपनी कमर कस चुकी है।

See Also

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

गौरतलब हो, भाजपा इसे लेकर अन्य पार्टियों से समर्थन की उम्मीद जता रही हो, लेकिन देश में कुल 46 राजनीतिक दलों से भी एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर सुझाव मांगे गए थे। इनमें से 17 राजनीतिक दलों ने अपने सुझाव लोगों को सौंपे हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने (One country one election formula) एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध किया था।

Exit mobile version