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जम्मू और कश्मीर में 1987 के बाद पहली बार ‘डोर टू डोर’ कैंपेन की शुरुआत

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Door-to-Door Campaigning Resumes in Jammu and Kashmir After 1987: जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर से विधानसभा चुनाव शुरू होने जा रहे हैं। इसके पहले चरण के तहत डोडा, किश्तवाड़ और रामबन की 8 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। बता दें, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न करवाया जाना है, जो 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तय किए गए हैं। इसके साथ ही 8 अक्टूबर को नतीजों की घोषणा होगी। लेकिन इसके पहले राज्य में एक बड़ा बदलाव देखनें को मिल रहा है।

असल में एक केंद्रशासित प्रदेश बन चुके जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। और अब कश्मीर घाटी में वापस से चुनावों की रौनक दिखने लगी है। साल 1987 में हुए चुनावों के बाद पहली बार कश्मीर में ‘डोर टू डोर कैंपेन’ यानी घर-घर जाकर प्रचार करने की शुरुआत हुई है।

Door-to-Door Campaigning Resumes in Kashmir

यह काफी अहम इसलिए हो जाता है क्योंकि साल 1987 का जम्मू और कश्मीर का विधानसभा चुनाव भले अनेकों विवाद से घिरा रहा, लेकिन उसी दौरान अंतिम बार राज्य में घर-घर जाकर प्रचार करने के पारंपरिक तरीके देखनें को मिले थे। याद दिला दें, उस समय फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार थी और चुनावों के दौरान लोगों के बीच मतभेद पैदा करने जैसे प्रयासों की बात सामने आई थी।

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वहीं पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद की लहर के चलते 1990 के दशक का एक बड़ा हिस्सा भय के माहौल से प्रभावित रहा। इसी के चलते चुनाव और प्रचार अभियान जोखिम भरे हो गए थे। इस स्थिति को देखते हुए उम्मीदवारों के लिए घर-घर प्रचार करना लगभग बंद हो गया था। भले ही भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की जाती रही लेकिन ‘डोर टू डोर कैंपेन’ मानों खत्म होते ही दिखे। नेताओं के छोटे-मोटे भाषण भी लोगों से दूरी बनाकर सैन्य सुरक्षा के बीच होते थे।

लेकिन अब जब 10 साल के लंबे अंतराल के बाद, जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव की वापसी हुई है तो शांत माहौल और डर का कम होना भी स्पष्ट दिख रहा है। सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया के हवाले से भी कई ऐसे खबरें और तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसमें चुनाव में उतरे उम्मीदवार अब लोगों के बीच जाकर उनसे मुलाक़ात करते और हाथ मिलाते देखे जा सकते हैं। कुछ लोग समर्थकों को गले लगाते हैं और यहां तक कि घर-घर जाकर चाय पीते भी नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि मानों स्थानीय लोग अब पहले की तुलना में नेताओं का स्वागत करने में हिचक नहीं रहे हैं और खुलकर अपने घरों में भी उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं।

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आज पीएम मोदी का भाषण, 42 वर्षों बाद ऐसा..

आज जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी रैली को संबोधित करने जा रहे हैं, जो 42 वर्षों बाद किसी प्रधानमंत्री का इस क्षेत्र में पहला दौरा होगा। यह रैली आगामी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही है। इससे पहले 1982 में किसी प्रधानमंत्री ने डोडा का दौरा किया था।

इस बीच केंद्रीय खनन और कोयला मंत्री और जम्मू-कश्मीर बीजेपी के चुनाव प्रभारी, जी किशन रेड्डी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की डोडा में यह पहली चुनावी बैठक है और यह क्षेत्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहां 42 साल बाद किसी प्रधानमंत्री का दौरा हो रहा है, जिससे लोगों में उत्साह का माहौल है।”

याद दिला दें, केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त कर दिया था, जिससे यह राज्य अब केंद्रशासित प्रदेश बन चुका है। सरकार ने दावा किया है कि इस कदम के बाद से राज्य में शांति और विकास की नई राह खुली है। हालांकि, हाल के महीनों में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। शनिवार (14 सितंबर) को भी सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन के दौरान दो आतंकियों को ढेर किया है।

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