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Byju’s के ऑडिटर BDO का इस्तीफा, एडटेक स्टार्टअप के संस्थापकों की कड़ी प्रतिक्रिया

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Byju’s auditor BDO resignation: भारत की सबसे बड़ी एडटेक कंपनियों में शुमार रह चुकी Byju’s पिछले कुछ समय से बड़ी वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही है। लेकिन इस बीच 6 सितंबर 2024 को BDO (MSKA & Associates) ने कंपनी के ऑडिटर के रूप में इस्तीफा दिया, जिससे Byju’s के संस्थापक, बायजू रवीन्द्रन और दिव्या गोकुलनाथ ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस इस्तीफे को “पलायनवादी” कदम करार दिया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने इसके कानूनी पहलुओं पर भी सवाल उठाए।

इसका खुलासा हाल में MoneyControl की एक रिपोर्ट के हवाले से हुआ है। असल में BDO को Deloitte की जगह पर 2023 में Byju’s का ऑडिटर नियुक्त किया गया था। Deloitte ने Byju’s पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। BDO ने 17 जून 2024 को Byju’s को एक नोटिस भेजा, जिस दिन कंपनी दिवालिया हो गई थी, और मध्य पूर्वी लेनदेन के बारे में स्पष्टीकरण मांगा।

Byju’s auditor BDO resignation

रिपोर्ट्स के अनुसार, BDO ने Byju’s को यह स्पष्ट किया कि अगर 45 दिनों के अंदर उनका नोटिस जवाब नहीं दिया गया तो वे इस्तीफा दे देंगे। इस पर Byju’s के संस्थापकों ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी कि उस समय कंपनी का बोर्ड सस्पेंड हो चुका था और बोर्ड न तो इस्तीफा स्वीकार कर सकता था और न ही इस पर कोई कार्रवाई कर सकता था।

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Byju’s के संस्थापकों ने BDO के इस कदम को “आधारहीन, बचकाना, और कानूनी तौर पर अस्थिर” बताया। उनके अनुसार, BDO का बोर्ड को दोष देना तर्कसंगत नहीं है क्योंकि बोर्ड उस समय कार्य नहीं कर रहा था और पूरे कंपनी के नियंत्रण में अब Insolvency Resolution Professional (IRP) था।

आपको बता दें, स्टार्टअप को दिवालिया घोषित कर IRP को कंपनी की नियंत्रण में रखा गया था, और यह प्रक्रिया तब शुरू हुई जब Byju’s का BCCI के साथ कानूनी विवाद हुआ। इस विवाद के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति मानों और खराब हो गई, जिससे कंपनी को दिवालिया घोषित किया गया।

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BDO ने कहीं ये बातें

Byju’s ने BDO के इस कदम पर भी सवाल उठाए कि ऑडिटर ने IRP को दरकिनार कर इस्तीफा क्यों दिया, जबकि IRP कंपनी का नियंत्रण देख रहा था। IRP ने BDO से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला।

BDO ने अपने पत्र में लिखा कि Byju’s Middle Eastern Transactions से जुड़े स्पष्टीकरण नहीं दे पा रही थी। इसके अलावा, कंपनी के कुछ विदेशी सब्सिडियरी के वित्तीय रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं थे। इसने Byju’s के कंसॉलिडेटेड वित्तीय स्टेटमेंट्स तैयार करने की प्रक्रिया में बड़ी बाधा डाली। इतना ही नहीं बल्कि यह भी कहा गया कि मौजूदा विवाद के चलते कंपनी अपने कुछ सब्सिडियरी पर नियंत्रण खो चुकी है, जिससे इन सब्सिडियरी के अकाउंट्स तक पहुंच भी नहीं मिल पा रही है।

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