Now Reading
YouTube पॉलिसी में बदलाव, ‘फिटनेस और वजन’ से संबंधित वीडियो पर लिमिट

YouTube पॉलिसी में बदलाव, ‘फिटनेस और वजन’ से संबंधित वीडियो पर लिमिट

  • किशोरों को नहीं दिखाए जाएँगे 'फिटनेस और वजन' से संबंधित वीडियो सुझाव
  • मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकने वाले संभावित नकरात्मक प्रभाव से बचाने की क़वायद
youtube-changes-policy-teens-can-not-watch-weight-fitness-videos

YouTube Changes Policy, Teens Can Not Watch Weight & Fitness Videos?: वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस YouTube ने हाल ही में किशोरों (Teens) के लिए अपनी कंटेंट पॉलिसी में अहम बदलाव का ऐलान किया है। इस नए बदलाव के तहत प्लेटफॉर्म पर किशोरों को अब फिटनेस, शरीर के वजन या शारीरिक विशेषताओं से संबंधित वीडियो के सुझाव (Suggestions) नहीं दिखाए जाएँगे। कंपनी ने यह फैसला विशेषज्ञों द्वारा दी गई चेतावनी को ध्यान में रखते हुए लिया है, जिसके तहत यह कहा जा रहा था कि किशोरों द्वारा इस तरह के कंटेंट को बार-बार देखे जाना उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

वैसे YouTube ने साफ किया है कि ऐसे वीडियो YouTube के नियमों का उल्लंघन नहीं करते, लेकिन लगातार इनको देखना कुछ उपयोगकर्ताओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए अब YouTube के इस नई पॉलिसी को भारत समेत सभी देशों के लिए लागू करने का फैसला किया है।

YouTube Changes Policy: क्या हैं बदलाव?

ये नियम खासकर उन न कंटेंट पर लागू होता हैं जो शारीरिक रूप से बेहतर बनाने जैसी चीजों के बारे में आक्रामकता के साथ जानकारियाँ प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, नाक को पतला दिखाने के लिए ब्यूटी रूटीन या किसी विशेष लुक को प्राप्त करने के लिए एक्सरसाइज रूटीन जैसे टॉपिक्स वाले वीडियो को इन नियमों के दायरे में रखा गया है। इसके तहत अब YouTube पर अभी भी 13-17 वर्ष के किशोर ऐसे वीडियो देख सकेंगे, लेकिन एक बार देखने के बाद उन्हें इसी तरह का अन्य कंटेंट का Suggestion नहीं दिखाया जाएगा।

असल में YouTube के ग्लोबल हेल्थ हेड, डॉ. गर्थ ग्राहम ने इस तरह के कंटेंट से होने वाले संभावित नुकसान के बारे में आगाह किया है। उनका कहना है कि जब एक किशोर अपने बारे में विचार विकसित कर रहा होता है या खुद को लेकर मानक तय कर रहा होता है, तो ‘आदर्श मानकों’ वाला कंटेंट बार-बार देखें जाने पर उस पर मानसिक रूप से दबाव व नकारात्मक प्रभाव पड़ने की भी व्यापक संभावना होती है।

बदलाव के कारण?

देखा जाए तो पिछले कुछ समय से तमाम आरोपों व विवादों से घिरे नजर आने वले YouTube ने कई ऐसे कदम उठाएं हैं जिसके चलते प्लेटफॉर्म को बच्चों के लिए अधिक से अधिक सुरक्षित बनाया जा सके। खासकर यूके जैसे देश में हाल ही में लागू किए गए ‘ऑनलाइन सेफ़्टी एक्ट’ के बाद कई टेक कंपनियों को सख्ती दिखानी पड़ी है। इस एक्ट के तहत टेक कंपनियों को बच्चों को हानिकारक कंटेंट से बचाने के उपाय सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

See Also
Breaking traffic rules can lead to job!

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

साथ ही उन्हें एल्गोरिदम में ऐसे बदलाव करने की सलाह दी गई है, जिससे 18 साल से कम उम्र के बच्चों को संभावित नुक़सानदेह कंटेंट तक पहुँच न मिल सके। YouTube के इस फ़ैसले को बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की सुरक्षा से जोड़कर देखा जा रहा है। बदलावों के तहत प्रयास यही है कि बच्चे अपने शरीर और शारीरिक विशेषताओं के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण अपना सकें और किसी बहकावे या दिखावे में ना पड़ें।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.