संपादक, न्यूज़NORTH
Illegal Betting Apps are Laundering Money Through Kirana Stores?: प्रवर्तन निदेशालय (ED) इन दिनों विभिन्न कारणों के चलते खुद चर्चा में रहा है। और अब ED ने कथित रूप से एक और बड़े मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का पर्दाफाश किया है। जी हाँ! जानकारी सामने आ रही है कि ईडी की जांच में यह पता चला है कि अवैध गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप्स किराना दुकानों के माध्यम से काले धन को सफेद बनाने का काम कर रही हैं। आसान भाषा में कहें तो देश में अवैध बेटिंग ऐप्स ‘मनी लॉन्ड्रिंग‘ के लिए कथित रूप से किराना स्टोर्स का इस्तेमाल कर रही हैं।
जी हाँ! इसका खुलासा टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के हवाले से हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन किराना दुकानदारों को इस घोटाले में अपनी भागीदारी की जानकारी तक नहीं है। माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग करने के लिए उन्हें झूठ बोलकर बताया गया था कि वे आरबीआई के डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर (DMT) ढांचे के तहत वैध काम कर रहे हैं।
असल में डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर (DMT) सिस्टम के तहत, ग्राहक देश के किसी भी बैंक खाते में तुरंत पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। यह सेवा खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो औपचारिक बैंकिंग सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं, जैसे कि प्रवासी श्रमिक, ताकि वे अपने परिवारों को आसानी से पैसे भेज सकें। इस सिस्टम में IMPS (इंस्टेंट मनी पेमेंट सर्विस) और NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर) के माध्यम से पैसा तुरंत ट्रांसफर हो जाता है।
Betting Apps are Laundering Money Through Kirana Stores
ईडी की जांच में सामने आया कि किराना दुकानों के मालिकों को यह बताया गया था कि वे DMT सेवा के तहत वैध रूप से पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं। हालांकि, इन दुकानदारों को यह अंदाज़ा नहीं था कि वे वास्तव में गैर-कानूनी गेमिंग और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का काम कर रहे थे।
टीओआई की रिपोर्ट की मानें तो मनी लॉन्ड्रिंग की इस गतिविधि की जानकारी तब मिली जब ईडी ने दहिसर की एक झुग्गी में एक 40 वर्षीय मोबाइल एसेसरीज़ शॉप के मालिक के यहां छापा मारा। इसी तरह का एक और मामला मीरा रोड के नयागांव में स्थित एक दुकान से भी सामने आया।
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ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि ये ऐप्स हरियाणा और पंजाब में भी DMT नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसके जरिए सट्टेबाजों को छोटे-छोटे हिस्सों में उनकी जीत की रकम दी जाती थी। इस तरीके से, ये प्लेटफॉर्म बड़ी रकम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर मनी ट्रेल को छुपाने में कामयाब होते हैं, जिससे सरकारी एजेंसियों के लिए इनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब ईडी ने देश में विदेशी सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स पर सख्त नजर रखी हुई है। बेशक हाल के दिनों में ऐसे अवैध बेटिंग आदि ऐप्स की संख्या बढ़ती जा रही है और वे भारतीय बाजार में गहरी पैठ बना रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, महादेव ऑनलाइन बुक, फेयरप्ले, और मैजिकविन्स जैसे कई ऐप्स जांच के घेरे में हैं। ईडी ने हाल ही में गुजरात और महाराष्ट्र में छापेमारी की। ईडी अब तक सैकड़ों ऐसे प्लेटफॉर्म्स की जांच कर चुकी है, जिनपर मनी लॉन्ड्रिंग केजैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं।
लेकिन आज भी ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप्स को लेकर देश में कानूनी स्थिति अब तक साफ़ नहीं है, जिस कारण इन ऐप्स को अच्छा मौका मिल रहा है। वैसे इस साल की शुरुआत में सरकार ने अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार-प्रसार पर नकेल कसने की दिशा में कदम बढ़ाया था। इस संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने सभी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को आगाह किया था कि वे ऐसे प्लेटफॉर्म्स का विज्ञापन करने से बचें।