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रेलवे ने किया हेल्थकेयर पॉलिसी में बड़ा बदलाव, अस्पताल में इलाज के लिए रेफरल की आवश्यकता खत्म

Railways changes in healthcare policy: भारतीय रेल ने अपने विभाग में कार्यरत कर्मचारियों और पेंशनर्स को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में एक बड़ा बदलाव करते हुए इलाज़ संबंधित सेवाओं में अतिरिक्त सुविधा प्रदान की हैं। जानकारी के मुताबिक़, रेलवे अब अपने सभी कर्मचारियों, उनके आश्रितों और पेंशनर्स को यूनिक मेडिकल आइडेंटिफिकेशन (UMID) कार्ड जारी करने की बात कही है, जिसके माध्यम से वे रेलवे के पैनल में शामिल अस्पतालों और देश के सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (AIIMS) में मुफ्त इलाज करा सकेंगे।

यूनिक कार्ड को कर्मचारी-पेंशनर के डिजीलॉकर में रखा जाएगा। एचएमआईएस एप पर संबंधित कर्मचारी-पेंशनर की प्रोफाइल पर भी कार्ड उपलब्ध होगा। इस कार्ड के जरिए वे रेलवे के पैनल में शामिल किसी भी हेल्थ केयर ऑर्गेनाइजेशन में इलाज करा सकेंगे। इसके लिए रेफरल की भी जरूरत नहीं होगी।

₹100 में बनेगा UMID कार्ड

इस कार्ड को बनाने के लिये रेलवे संबंधित कर्मचारियों और पेंशनर्स  ₹100 का शुल्क लेगी। इस कार्ड को रेलवे के हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) के माध्यम से डिजीलॉकर में रखा जाएगा और संबंधित कर्मचारी या पेंशनर की प्रोफाइल पर भी उपलब्ध होगा। इस नीति का लाभ रेलवे के लगभग 12.5 लाख कर्मचारियों, 15 लाख से अधिक पेंशनर्स और 10 लाख आश्रितों को मिलेगा।  रेलवे बोर्ड ने अपने कर्माचारियों और पेंशनर्स के लिए यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया हैं।

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रेफरल के बिना इलाज की सुविधा

रेलवे बोर्ड का यह फैसला कर्मचारियों और पेंशनर्स की आ रही उन शिकायतों के बाद लिया गया है जिनमें आरोप लगाया जा रहा था कि डॉक्टर अपने पसंदीदा अस्पतालों के लिए रेफरल जारी करते हैं। नई नीति के तहत, अब बिना रेफरल के इलाज संभव होगा। इससे उन्हें बिना किसी बाधा के चिकित्सा सुविधा मिलेगी साथ ही आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यूएमआईडी कार्ड न होने की स्थिति में भी पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को इलाज या दवाओं से इनकार नहीं किया (Railways changes in healthcare policy) जाएगा।

 

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