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हिंडनबर्ग, कांग्रेस और अब Zee संस्थापक सुभाष चंद्रा ने SEBI प्रमुख बुच को बताया भ्रष्ट

हिंडनबर्ग, कांग्रेस और अब Zee संस्थापक सुभाष चंद्रा ने SEBI प्रमुख बुच को बताया भ्रष्ट

  • बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ सुभाष चंद्रा के गंभीर आरोप.
  • ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के प्रस्तावित विलय सौदे को सेबी प्रमुख ने प्रभावित किया - सुभाष चंद्रा
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­Subhash Chandra called SEBI chief Buch corrupt: कांग्रेस और हिंडनबर्ग के बाद सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच अब एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर सुभाष चंद्रा के निशाने में आ गई है। डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

सुभाष चंद्रा ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी को भ्रष्ट बताते हुए कहा है कि, एंटरटेनमेंट और सोनी  की डील टूटने के पीछे माधबी पुरी बुच जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि रिटेल शेयरहोल्डर्स को हुए नुकसान की जिम्मेदारी भी बुच की है, डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने सेबी चीफ पर भी रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया है।

कानूनी कार्रवाई की कर रहें तैयारी

सुभाष चंद्रा ने माधबी पुरी बुच पर एक और आरोप लगाया है, उन्होंने कहा- जिन म्यूचुअल फंड्स ने एस्सेल ग्रुप को राहत दी थी उन पर भी SEBI ने जुर्माना लगाया है। डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि उस वक्त माधबी पुरी बुच ने उन म्यूचुअल फंड्स से कहा कि आप लोग क्यों समय दे रहे हैं और फिर 2 म्यूचुअल फंड पर जुर्माना भी लगा दिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी 2019 में कही गई बात याद दिलाते हुए कहा कि, “मेंने साल 2019 में कहा था कि कुछ लोग हमारे ग्रुप को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वो माधबी पुरी बुच है।”

एस्सेल ग्रुप प्रमुख ने आरोप लगाने के साथ- साथ  इस सभी बातों को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि वह सेबी प्रमुख के ऊपर कानूनी कार्रवाई करने की संभावना तलाश रहें हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी इस लड़ाई में अन्य बड़े उद्योगपतियों और कंपनियों को भी शामिल होने का आह्वान किया हैं।

गौरतलब हो, सेबी और सुभाष चंद्रा की तकरार पहली नही है, पूर्व में बाजार नियामक सेबी ने पिछले साल आरोप लगाया था कि चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका ने कुछ संस्थाओं के ऋण चुकाने के लिए ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जेडईईएल) की 200 करोड़ रुपये की सावधि जमा (एफडी) का इस्तेमाल किया था।

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चंद्रा और गोयनका दोनों को ही सेबी के अगले आदेश तक किसी भी सूचीबद्ध फर्म में निदेशक या प्रमुख प्रबंधन कर्मी का पद संभालने से रोक दिया गया था। हालांकि, इस आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष की गई अपील पर चंद्रा और उनके बेटे को राहत (Subhash Chandra called SEBI chief Buch corrupt)  मिल गई।

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