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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा ‘कानून के खिलाफ है ऐसी कार्यवाई’

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Supreme Court strict on bulldozer action: देश के कई राज्‍यों में बुलडोजर नीति यानि अपराधियों के घर पर तोड़फोड़ की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अपराधियों के दिल में खौफ पैदा करने के लिए लाई बुलडोजर नीति को अन्य राज्य सरकार ने भी फॉलो करना शुरू कर दिया था, ख़ासकर भाजपा शासित राज्यों में यह काफ़ी लोकप्रिय हुई थी।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जमीयत की ओर से लगाई गई एक याचिका में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि, देशभर में निर्माणों में तोड़फोड़ को लेकर गाइडलाइन जरूरी है। अगर कोई आरोपी या दोषी भी है, तो उसका घर गिराया नहीं जा सकता। अवैध निर्माण गिराने से पहले भी कानून का पालन करना जरूरी है।

लड़के की गलती के चलते पिता का घर नही गिराया जा सकता

याचिका के खिलाफ़ उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि, सभी अवैध निर्माण में बकयादा कानूनी प्रक्रियाओं का पालन हुआ है, किसी भी आरोपी के अवैध निर्माण को नियम विरुद्ध नहीं तोड़ा गया है। जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, कोर्ट अवैध निर्माण को बचाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन किसी लड़के की गलती के चलते उसके पिता का घर गिरा देना सही नहीं हो सकता।

अवैध निर्माण के विध्वंस के लिए देश में गाइडलाइन

कोर्ट में इस मामले को लेकर अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की डेट दी गई है, साथ ही अदालत ने इसे लेकर सरकार और पक्षकारों से सुझाव मांगे हैं। कोर्ट ने कहा कि देशभर में निर्माणों में तोड़फोड़ को लेकर गाइडलाइन जरूरी है। सुझावों के आधार पर उसमें विमर्श के बाद पूरे देश के लिए गाइडलाइंस बनाए जाएंगे

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गौरतलब हो, सुप्रीम कोर्ट जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर उदयपुर में चाकू मारने के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई पर सुनवाई कर रहा था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एक पिता का बेटा अड़ियल हो सकता है, लेकिन अगर इसके लिए उसका घर गिरा दिया जाए… तो ऐसा करने (Supreme Court strict on bulldozer action) का यह तरीका सही नहीं है।

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