Site icon NewsNorth

‘स्त्रीधन’ की इकलौती मालकिन है महिला, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

calcutta-high-court-cancels-24000-jobs-under-2016-ssc-recruitment

Woman is the sole owner of ‘Stridhan’: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महिला अधिकार संबंधित एक मामले में अहम फैसला सुनाया है, जिसके बाद  अदालत के फैसले से ये निष्कर्ष निकलकर सामने आया कि, महिला अपने धन की स्वयं अधिकारी है, यदि वह स्वस्थ है, और अपना अच्छा बुरा भली भांति समझती है तो उसके धन के लिए उसका कोई प्रतिनिधि नही हो सकता फिर वह चाहें वह उसका पिता, पति या और कोई हो!

दरअसल पी वीरभद्र राव ने एक शख्स ने अपनी बेटी के उसके पति के साथ तलाक होने के बाद उसके पति और सुसराल पक्ष के ऊपर शादी में बेटी को दिए गए देहज को वापस लेने के लिए एफआईआर दर्ज करवाई थी, एफआईआर के ख़िलाफ़ लड़की के सुसराल पक्ष वालों ने  तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वे असफल रहे। फिर उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में एफआईआर के ख़िलाफ़ दायर याचिका में सुनवाई करते हुये जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट कहा कि पिता के पास अपनी बेटी के स्त्रीधन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह पूरी तरह से उसका था।

जस्टिस करोल ने फैसला लिखते हुए कहा कि ‘आम तौर पर मंजूर नियम, जिसे न्यायिक रूप से मान्यता हासिल है, यह है कि महिला को स्त्रीधन पर पूरा अधिकार है। अदालत महिला (पत्नी या पूर्व पत्नी, जैसा भी मामला हो) के स्त्रीधन की एकमात्र मालिक होने के एकमात्र अधिकार के संबंध में साफ है। इस विषय में पति के पास कोई अधिकार नहीं है, और तब यह आवश्यक रूप से निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए कि जब बेटी जीवित है, स्वस्थ है और अपने स्त्रीधन की वसूली जैसे निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम है, तो पिता के पास भी कोई अधिकार नहीं है।’

See Also

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

सुप्रीम कोर्ट के उक्त मामले में सुनवाई के बाद दिए गए फैसले से साफ जाहिर है कि, तलाक के बाद महिला (बेटी) के पिता को उसके पूर्व ससुराल वालों से उन उपहारों को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं हैं, चाहें फिर वह पिता द्वारा शादी के दौरान उपहार स्वरूप दिए गहने या फिर कोई अन्य आइटम (Woman is the sole owner of ‘Stridhan’) ही क्यों न हो। फैसले से साफ हो गया है दहेज में दिया गया कोई भी समान स्त्रीधन में सिर्फ़ महिला का अधिकार हैं।।

Exit mobile version