Number of cases pending in Supreme Court: भारत की शीर्ष अदालत में पेडिंग केसेज के आंकड़ों में लगातार वृद्धि हो रही है, कोर्ट में मामले में निराकरण नहीं होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट में केसेज की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। पिछले 10 सालों में पेडिंग केसेज की संख्या में 8 गुना तक का इज़ाफ़ा हुआ हैं। जिसके बाद वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट में 85000 से अधिक मामलों के निराकरण लंबित हुए पड़े है।
जजों की संख्या बढ़ने से भी नही दिखा फर्क
सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या को 2009 में बढ़ाकर 26 से 31 किया गया था, जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब लंबित प्रकरणों में जल्द सुनवाई होकर मामलों का निराकरण होने में तेजी आएगी लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखा। सिर्फ़ वर्ष 2014 में पहले से लंबित केसेज में थोड़ी कमी देखने को मिली थी। इस वर्ष 66000 लंबित केसेज की संख्या घटकर 63 हजार हुए थे। तब के तत्कालीन सीजेआई पी सतसिवम और आरएम लोढ़ा थे।
कोरोना काल में जब कोर्ट की कार्यवाही पूरी तरह ठप हो चुकी थी, तब 5 हजार केसेज का इजाफा हुआ, इस दौरान भी केसेज की संख्या बढ़ी तब के तत्कालीन सीजेआई जस्टिस एस बोबडे थे।
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सीजेआई डीवीआई चंद्रचूड़ ने चिंता व्यक्त की
सुप्रीम कोर्ट में प्रकरणों की संख्या बढ़ने से सीजेआई डीवीआई चंद्रचूड़ ने भी चिंता व्यक्त की थी, और ज्यादा से ज्यादा मामलों को लोक अदालत लगाकर निराकरण करने का ऐलान किया था। इसके लिए बीते दिनों 29 जुलाई से 3 अगस्त के बीच लोक अदालत शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य ऐसे मामले जिसका त्वरित तरीकों से समाधान निकल जाएं, उनके लिए एक स्थान उपलब्ध करवाया गया था। यह एक तरीके से विवाद का हल निकालने के लिए प्रयास था। इसके लिए खुद सीजेआई ने अपील करते हुए नागरिकों और वकीलों से उनके ऐसे मामले जिसका तुरंत निराकरण हो जाएं लोक अदालत के माध्यम से हल निकालने के लिए (Number of cases pending in Supreme Court) कहा था।