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भारतीय फ्लाइट्स में इंटरनेट कनेक्टिविटी होगी आम, ISRO कर रहा तैयारी – रिपोर्ट

भारतीय फ्लाइट्स में इंटरनेट कनेक्टिविटी होगी आम, ISRO कर रहा तैयारी – रिपोर्ट

  • ISRO ने सैटेलाइट कम्युनिकेशंस की फील्ड में काम करने वाली दिग्गज कंपनी वियासत (Viasat) के साथ हाथ मिलाया.
  • सबसे हाईटेक सैटेलाइट GSAT-20 को इस साल के अंत तक होगा लॉन्च.
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Internet connectivity on flights: आज के समय में इंटरनेट कनेक्टिविटी लोगों के जीवन के लिए आम हो गई है, अनुमानित 90% से अधिक दुनिया की पॉपुलेशन ने इंटरनेट का उपयोग कभी न कभी किया होगा, और वही दुनिया में ऐसे भी लोग होंगे जो इंटरनेट सेवाओं के बिना शायद ही अपना दिन बिताते हो!

लेकिन इस इंटरनेट सेवाओं की कुछ सीमा भी है, जैसे आसमान में फ्लाइट या एयर संसाधनों का उपयोग करते समय ऐसे कई देश है, जहां इंटरनेट सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाते। इसमें एक नाम भारत का भी है, हालांकि भारत सरकार ने विमानों में इंटरनेट कनेक्टिविटी का अनुमति कुछ साल पहले दी है। परंतु फ़िलहाल आसमान में इंटरनेट कनेक्टिविटी बहुत सीमित है, जिसकी समस्या जल्द खत्म हो सकती है।

जी हां! एनडीटीवी की एक रिपोर्ट्स के अनुसार इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने सैटेलाइट कम्युनिकेशंस की फील्ड में काम करने वाली दिग्गज कंपनी वियासत (Viasat) के साथ हाथ मिलाया है। वियासत कैलीफोर्निया बेस्ड कम्युनिकेशन कंपनी है जो भारत के आसमान में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध करा सकती है।

यदि योजना के मुताबिक कार्य होता है तो, यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि साल के अंत तक भारत देश के अब तक के इतिहास का सबसे हाईटेक सेटलाइट  ‘GSAT-20’ लॉन्च करने की योजना में काम कर (Internet connectivity on flights) रहा है।

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भारत का ‘GSAT-20’ सैटलाइट

साल के अंत तक हाईटेक सैटेलाइट GSAT-20 को लॉन्च के लिए तैयार किया जा सकता है।  ‘GSAT-20’ के बारे में जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार यह एक हाई थ्रूपुट सैटेलाइट है जिसका निर्माण इसरो की निगरानी में बेंगलुरु स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में किया जा रहा है। हाई थ्रूपुट सैटेलाइट ऐसी कम्युनिकेशन सैटेलाइट होती हैं जो पारंपरिक सैटेलाइट्स की तुलना में कहीं ज्यादा तेज रफ्तार से डेटा भेज सकती हैं। इससे सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट कनेक्टिविटी (Internet connectivity on flights) मिल सकेगी।

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