12 industrial smart cities built in India: नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश के औद्योगिक विकास की ओर ख़ास विशेष ध्यान दिया जा रहा है, चुंकि औद्योगिक विकास से बड़े बड़े कारखानों और विनिर्माण इकाइयों के लगने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, चूंकि फिलहाल भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या के रुप में उभरी है।
बढ़ती बेरोजगारी को खत्म करने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना एक अहम काम है। शायद यही वजह रही है कि सरकार देश में बेरोजगारी को कम करने के लिए औद्योगिक विकास की ओर बढ़ रही है। इसी क्रम में देश के केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश में 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर केन्द्र सरकार की मंजूरी की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से साझा की।
परियोजना के लिए 28 हजार करोड़ से अधिक की लागत
केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में कुल लागत 28,602 करोड़ रुपये रखी गई है तो वही इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश की क्षमता होगी। देशभर में इस परियोजना के माध्यम से 10 के करीब राज्यों को कवर किया जायेगा। वही इन औद्योगिक स्मार्ट सिटी को नेशनल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरिडोर प्रोग्राम (NIDCP) के तहत बनाए जानें की बात केन्द्रीय मंत्री ने मीडिया के साथ साझा की।
10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार
देश में औद्योगिक स्मार्ट सिटी के निर्माण में करीब 10 राज्यों के अलग अलग क्षेत्रों और जिलों को चुना जायेगा, जिसकोंं औद्योगिक स्मार्ट सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा। देश में उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल और कोपार्थी के साथ राजस्थान के जोधपुर-पाली शामिल हैं, जिन्हें औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
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औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित इन शहरों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। रोजगार के संबंध में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों के बनने से 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 30 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।