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काम पर लौट आएं हड़ताल पर गए डॉक्टर्स, नहीं होगी कोई कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट

काम पर लौट आएं हड़ताल पर गए डॉक्टर्स, नहीं होगी कोई कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट

  • CBI ने स्टेटस रिपोर्ट में किया पुलिस की लापरवाही का जिक्र
  • नेशनल टास्क फोर्स में रेजिडेंट डॉक्टर को भी शामिल करने का आदेश
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Supreme Court Hearing On Kolkata Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज पुनः कोलकाता मामले में सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या को लेकर डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि हड़ताल पर गए डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि डॉक्टर्स काम कर लौटें ताकि मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहें।

आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना का स्वतः संज्ञान लिया था। इसको लेकर 20 अगस्त को भी सुनवाई की गई थी और उस दिन कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया है कि वह जांच की स्थिति पर एक स्टेटस रिपोर्ट 22 अगस्त को जमा करें।

Supreme Court Hearing On Kolkata Case

उस समय सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को कई मोर्चों पर फटकार लगाते हुए कई गंभीर प्रश्न पूछे थे। बंगाल पुलिस के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप कुमार घोष की भूमिका को लेकर भी अदालत ने तीखे सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हत्या को आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की गई थी। और इसको लेकर पीठ ने पूर्व प्रिंसिपल के कथित बयान का हवाला दिया था।

सीबीआई ने बंगाल प्रशासन की भूमिका पर उठाए सवाल

जैसा कि कोर्ट का आदेश था आज सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी। दिलचस्प रूप से सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बंगाल पुलिस और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, घटनास्थल से छेड़छाड़ की गई है, जिसके चलते कई महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो गए हैं।

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सीबीआई का कहना है कि पुलिस जांच में काफी लापरवाही की गई थी। पुलिस द्वारा घटनास्थल को सुरक्षित नहीं किए जाने और फिर से जांच कि प्रभावित करने आदि का भी ज़िक्र स्टेटस रिपोर्ट में है। सीबीआई की ओर से मामले को पेश करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रारंभिक एफआईआर पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद दर्ज की गई और पहले इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन जब दोस्तों ने वीडियोग्राफी की बात की तो इसे नहीं किया गया।

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इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल पेशेवरों की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए एक 10 सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) का गठन करने का आदेश दिया था। इसको लेकर आज शीर्ष अदालत ने नेशनल टास्क फोर्स में रेजिडेंट डॉक्टर को भी शामिल करने का आदेश भी दिया है। इस टास्क फोर्स में देश के प्रमुख चिकित्सक और सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। इसका उद्देश्य चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

सरकार ने नई प्रिंसिपल को भी हटाया

इसके पहले बंगाल सरकार ने आरजी कर हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज के नई प्रिंसिपल, मेडिकल अधीक्षक-कम-वाइस-प्रिंसिपल, असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और चेस्ट मेडिसिन विभाग के प्रमुख को उनके पद से हटा दिया है। यह कदम असल में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और राज्य के स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों की मुलाकात के बाद उठाया गया है।

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