Coaching institute will shift from Mukherjee Nagar: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में भारी बारिश के चलते कोचिंग में हुए बेसमेंट हादसे के बाद जहा कोचिंग संस्थानों के न खुलने से कोचिंग संस्थानों के मालिकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, तो वही यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को भी अपनी तैयारी को लेकर नुकसान हो रहा है।
छात्र अपने परीक्षा के जरूरी पाठ्यक्रम से तो पिछड़ते है साथ ही राजेंद्र नगर में हादसे के बाद से एक ऐसा माहौल बन गया है कि परिक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के अंदर भय के साथ एक आक्रोश व्याप्त है।
ऐसी स्थिति में अब माहौल चेंज करने के लिए ओल्ड राजेंद्र नगर में मौजूद कोचिंग संस्थानों के द्वारा एक बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जिसके बाद ओल्ड राजेंद्र नगर जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का गढ़ कहा जाता था, वह इतिहास बन सकता है।
जी हां! द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, दृष्ठि IAS ने नोएडा में अपनी कोचिंग खोलने का फैसला कर लिया है। वहीं, कई अन्य कोचिंग संस्थान भी ऐसे हैं जो मुखर्जी नगर को छोड़कर कहीं और अपनी क्लासेज शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं। यदि रिपोर्ट में किए गए दावे में सत्यता होती है, तो आने वाले समय में ओल्ड राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में दिखने वाली छात्रों का हुजूम दिखना बंद हो जाएगा और सिविल सेवा की तैयारी और सैकड़ों की संख्या में सिविल अधिकारी निकालने वाला दिल्ली का यह इलाका सुनसान हो जायेगा।
इन इलाकों की कई इमारतों में फायर सेफ्टी का NOC नहीं
रिपोर्ट में एक कोचिंग संस्थान के अधिकारी के बयान के आधार में दावा किया गया कि, आने वाले समय में मुखर्जी नगर एक खाली जगह हो सकती है क्योंकि ज्यादातर कोचिंग संस्थान यहां से जा रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर इमारतें सरकार के नियमों के मुताबिक नहीं हैं. यही वजह है कि उन्हें फायर सेफ्टी का NOC नहीं मिल सकता है। ऐसे में अब उक्त इलाकों में कोचिंग संस्थानों को सुचारू रूप से संचालित नही किया जा सकता। इसलिए कई कोचिंग संस्थाओं ने अपनी कोचिंग सेंटर को अन्य जगह शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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गौरतलब हो, ओल्ड राजेंद्र नगर में बेसमेंट में हुए हादसे के बाद एमसीडी ने इलाकों के कई बेसमेंट और कोचिंग संस्थानों के बिल्डिंग में कार्यवाई की थी, जिसके बाद से आसपास मौजूद चाय की दुकानों, स्टेशनरी शॉप, खाने-पीने की दुकानों और अन्य जगहों पर सन्नाटा पसर गया है। अब छात्रों के हित के लिए साथ ही कोचिंग संस्थाओं का सुचारू रूप से चालू होना एक इको सिस्टम के लिए आवश्यक है। शायद यह इको सिस्टम कही और (Coaching institute will shift from Mukherjee Nagar) विकसित किया जाए।