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आज भारत बंद का ऐलान, स्कूलों में छुट्टी से लेकर इन तमाम चीजों पर असर?

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Announcement of Bharat Bandh today: अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी- एसटी) के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। राजस्थान में बंद को लेकर कई जिलों में स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टी रखी गई है। व्यापारिक संगठनों ने बंद क समर्थन नहीं दिया है और प्रशासन से सुरक्षा की अपील की है।

अकेले राजस्थान में फैसले के विरोध में दौसा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटा, जोधपुर, डीग सहित 16 जिलों के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है, जबकि भरतपुर में इंटरनेट कनेक्टिविटी और नेटवर्क को डाउन किया गया है। जयपुर में रामनिवास बाग से बंद समर्थन रैली शुरू की जा रही है, जिसमें बाजारों को बंद रखने के लिए कहा जा रहा है।

कांग्रेस ने बंद का किया समर्थन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें लोगों और भारत बंद को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एसटी एससी के बंद का समर्थन किया है साथ ही प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि कांग्रेस ने बतौर पार्टी इस बंद को अपना समर्थन नहीं दिया लेकिन पार्टी के नेताओं ने इसके समर्थन में बयान दिए हैं।

एसटी एससी आरक्षण में क्रीमीलेयर

क्रीमी लेयर से मतलब है वह वर्ग जिसने आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रगति कर ली है, क्रीमी लेयर के दायरे में आने वाले लोगों को रिजर्वेशन का लाभ नहीं दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी- एसटी) के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने का फैसला सुनाया है। आपकों बता दे, ओबीसी रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर का प्रावधान पूर्व से ही लागू है। इसके अलावा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रमोशन के मामले में भी क्रीमी लेयर का सिद्धांत लागू है।

गौरतलब हो, सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को आरक्षण पर एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति यानी एससी-एसटी रिजर्वेशन में भी सरकार अलग से वर्गीकरण कर सकती है।

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मित्तल, की सात जजों की संविधान पीठ ने एससी-एसटी रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर के पक्ष में फैसला दिया वही इस फैसले के खिलाफ एक जज ने विरोध किया था।

 

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