संपादक, न्यूज़NORTH
Supreme Court On Kolkata Doctor Case: कोलकाता में हुए एक महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर के दिल दहलाने वाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सोमवार, 20 अगस्त 2024 को सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने राज्य सरकार के वकील कपिल सिब्बल से आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई हिंसा को लेकर भी सख्त सवाल किए और पुलिस की भूमिका पर प्रश्न किए।
इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मामला केवल रेप और हत्या का नहीं है, बल्कि देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा के बड़े मुद्दे से जुड़ा हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से पेश कपिल सिब्बल से पूछा कि जब कॉलेज में तोड़फोड़ हो रही थी, तब पुलिस ने घटनास्थल की सुरक्षा क्यों नहीं थी। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने इस गंभीर अपराध को आत्महत्या बताने का प्रयास क्यों किया? एफआईआर दर्ज करने में भी देरी का आरोप लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि यह पूरी घटना बहुत ही चिंताजनक है।
Supreme Court On Kolkata Doctor Case: टास्क फोर्स का गठन
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया। इस टास्क फोर्स का काम देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के उपायों का अध्ययन करना और संबंधित सुझाव देना होगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह टास्क फोर्स देशभर के अस्पतालों में वरिष्ठ और सहयक डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों को पुख्ता करने के लिए अपने सुझाव पेश करेगी।
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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने CBI से 22 अगस्त तक मामले में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में शुरुआत से लेकर अब तक की गई सभी जांच और कार्रवाई की जानकारी होनी चाहिए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ की घटना पर बंगाल सरकार को 22 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की निजता का उल्लंघन होने पर भी गंभीर चिंता जताई। अदालत ने कहा कि मीडिया में पीड़िता का नाम, तस्वीर और वीडियो प्रसारित होना कानून का उल्लंघन है, और इससे पीड़िता और उसके परिवार की निजता का हनन हुआ है।
क्या है मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या की पुष्टि हुई थी। इसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। मेडिकल कॉलेज के छात्रों और देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल करते हुए न्याय की मांग की। इस घटना ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना को लेकर पूरे देश में भारी विरोध हो रहा है।
डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। विपक्षी दल इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को इस मामले पर अगली सुनवाई निर्धारित की है। वहीं अदालत ने डॉक्टर्स से काम पर वापस लौटने का भी आग्रह किया है।