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यूपी के स्कूलों में पढ़ा रहे हजारों शिक्षकों की नौकरी को खतरा? हाईकोर्ट के आदेश का क्या होगा असर?

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69 thousand teachers recruited: इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले ने उत्तरप्रदेश के शिक्षकों की नींद उड़ा दी है, यह सभी शिक्षक 2019 में हुई शिक्षक भर्ती के समय नौकरी में पदस्थ हुए थे। दरअसल पूरा विवाद 2019 में 69 हजार प्राथमिक सहायक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण घोटाले को लेकर लगाई हाइकोर्ट याचिका में न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ के द्वारा सुनाए गए एक फैसले के बाद उक्त सभी शिक्षकों का भविष्य दांव में लग चुका है।

1994 के मुताबिक आरक्षण नीति का पालन किया जाए

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 2019 में हुई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 1 जून 2020 और 5 जनवरी 2022 की चयन सूचियां को दरकिनार कर नियमों के तहत तीन माह में नई चयन सूची बनाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा नई चयन सूची में 1981 के नियम के तहत आरक्षण अधिनियम 1994 के मुताबिक आरक्षण नीति का पालन किया जाए। अगर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी की मेरिट सामान्य श्रेणी के बराबर आए तो वह सामान्य श्रेणी में आ जाएगा। इन निर्देशों के तहत ऊपरी क्रम में आरक्षण दिया जाएगा।

हाइकोर्ट का फैसला प्रदेश सरकार को झटका

इलाहाबाद हाइकोर्ट में न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ का उक्त फैसला राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका है, साथ ही उन शिक्षकों के लिए भी जिनकी नियुक्ति पूर्व में की गई थी, क्योंकी हाईकोर्ट के फैसले ने उनके भविष्य को संशय में डाल दिया है। कोर्ट ने आरक्षण लाभ की नई सूची जारी करने के निर्देश के साथ ही राज्य सरकार को हिदायत देते हुए कहा है कि नई नियुक्ति या सूची के दौरान कोई पूर्व का शिक्षक प्रभावित हो रहा है, तो उसे स्कूली बच्चों को देखते हुए सत्र अंत होने तक का समय दिया जाएं, जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो।

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गौरतलब हो, पूरा प्रकरण 2019 में हुई शिक्षा भर्ती के दौरान का है, जहा अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ था, जिसके खिलाफ़ उन्होंने कोर्ट की शरण ली थी। जहा हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण विसंगति पाए जाने पर 13 मार्च 2023 को 6800 अभ्यर्थियों की सूची रद्द करते हुए पूरी लिस्ट को फिर से देखने का आदेश राज्य सरकार को दिया था।

लेकिन उस दौरान अभ्यर्थियों का कहना था कि 6800 में नही करीबन 19 हजार पदों मे घोटाला हुआ है और उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों के खंडपीठ में विशेष अपील दाखिल की थी। अब उक्त अपील में फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में आया है जहां कोर्ट ने राज्य सरकार से भर्तियों के लिए नई सूची 1994 आरक्षण नियम के आधार में बनाए (69 thousand teachers recruited) जानें के निर्देश दिए है।

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