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यूनिफॉर्म सिविल कोड: लाल किले से पीएम मोदी के भाषण ने छेड़ दी एक नई बहस

यूनिफॉर्म सिविल कोड: लाल किले से पीएम मोदी के भाषण ने छेड़ दी एक नई बहस

  • PM मोदी के 'कम्युनल सिविल कोड' वाले बयान पर गरमाई सियासत.
  • कांग्रेस ने कहा- आंबेडकर का हुआ अपमान.
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Prime Minister Narendra Modi statement on Uniform Civil Cod: आज देश में 78 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सरकार के प्रतिनिधि के रुप में दिल्ली के लाल किले से लगातर तीसरी बार झंडा फहराया किसी भी सरकार के प्रतिनिधि के रुप से लाल किले के प्राचीर से तीसरी बार भाषण देने वाले देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बनें। क्योंकि हाल में हुए लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा और एनडीए ने सरकार बनाई है।

नरेन्द्र मोदी से पूर्व में सिर्फ़ आज़ादी के बाद सबसे अधिक लम्बे समय तक प्रधानमंत्री के रूप में काम करने की उपलब्धि सिर्फ़ पण्डित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के पास रही है। जवाहर लाल नेहरु से लेकर मोदी तक अब तक देश में 14 प्रधानमंत्रियों ने शपथ ली है। लेकिन नेहरू- इंद्रा के बाद सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री पद में रहने की उपलब्धि (गैर कांग्रेसी पीएम) नरेंद्र मोदी ने हासिल की है, जो शायद एक प्रकार से कांग्रेस और कांग्रेस के नेता चुनौती के तौर में देखते है।

शायद यही वजह रही है, जब 78 वे स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तिरंगा फहराया और अपना भाषण पूरा किया कांग्रेस नेताओं के निशाने में आ गए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि,

“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से यह कह कर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का घोर अपमान किया है कि आजादी के बाद से अब तक देश में ‘‘सांप्रदायिक नागरिक संहिता’’ है।

पीएम मोदी का लाल किले से बयान

पीएम मोदी ने कहा था कि, ‘‘देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।’’ उन्होंने देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (एससीसी) की बात कही थी, जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का संबोधन आंबेडकर का घोर अपमान है।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा।’’

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जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि आंबेडकर हिंदू पर्सनल लॉ में जिन सुधारों के बड़े पैरोकार थे, उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनसंघ ने पुरजोर विरोध किया था।

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गौरतलब हो, कांग्रेस लोकसभा चुनावों के बाद से ही यह दावा कर रही है, कि नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल किराए के पहियों में चल रहा है। वह समय समय में इन पहियों के खिसकने की बात दोहराती रहती है, यदि एनडीए गठबंधन की नरेंद्र मोदी सरकार अपना तीसरा कार्यकाल बिना विघ्न के पूरा करती है तो यह नरेन्द्र मोदी के लिए विशेष उपलब्धि होगी तो वही कांग्रेस के लिए एक विचारणीय प्रश्न की सबसे पुरानी पार्टी होने के बाद भी आज वह (Prime Minister Narendra Modi statement on Uniform Civil Cod) इस स्थिति में है।

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