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Hindenburg ने फिर SEBI प्रमुख को घेरा; खड़े किए कुछ नए सवाल

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Photo Credit: LinkedIn - Madhabi Puri Buch

Hindenburg Again Attacks SEBI Chief Madhabi Puri Buch: बीते शनिवार को ही अपनी नई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने SEBI प्रमुख पर निशाना साधाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने इस मामले में आधिकारिक बयान जारी किया। लेकिन माधबी पुरी बुच का जवाब आने के बाद एक बार फिर क्रमवार ढंग से हिंडनबर्ग ने कई सवाल दाग दिए हैं। जी हाँ! ऐसा लगता है कि हिंडनबर्ग और सेबी प्रमुख के बीच छिड़ा यह विवाद जल्द थमने वाला नहीं है।

असल में पहले से ही Adani Group के खिलाफ अपनी रिपोर्टों के लिए चर्चा में रहने वले हिंडनबर्ग ने इसी मुद्दे से संबंधित कुछ आरोप भारतीय बाजार नियामक SEBI की मौजूदा चेयरपर्सन पर भी लगाए। बताया कि Adani Group को कथित तौर पर गलत ढंग से जिन ऑफशोर कंपनियों ने निवेश प्रदान किए, उनमें से एक में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की भी हिस्सेदारी है।

Hindenburg Again Attacks SEBI Chief Madhabi Puri Buch

लेकिन इन आरोपों के बाद SEBI की प्रमुख और उनके पति द्वारा संयुक्त रूप से आधिकारिक बयान जारी किया गया, जिसमें उन्होंने तमाम आरोपों का खंडन करते हुए, इन्हें महज़ साज़िश करार दिया। बताया गया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिस फंड का ज़िक्र है उसमें निवेश 2015 में किया गया था, जब वे दोनों (माधबी पुरी बुच और उनके पति) सिंगापुर में रहने वाले निजी नागरिक थे और यह बात माधाबी के SEBI के साथ जुड़ने से लगभग 2 साल पहले की है। बताया गया कि उन्होंने इस फंड में निवेश करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी, अनिल आहूजा, धवल के बचपन के स्कूल और आईआईटी दिल्ली के दोस्त थे और सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन जैसी कंपनियों के पूर्व कर्मचारी होने के नाते, उनका कई दशकों का मजबूत निवेश करियर था।

Adani Group ने भी दी प्रतिक्रिया

वहीं Hindenburg की नई रिपोर्ट को लेकर Adani Group का कहना है कि सेबी प्रमुख Madhabi Puri Buch से उनके कोई भी कारोबारी रिश्ते नहीं हैं। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी के अनुसार रिपोर्ट में SEBI प्रमुख के साथ अन्य तमाम जिन लोगों के नाम लिए गए हैं, कंपनी का उनके साथ भी कोई लेनदेन नहीं है। साथ ही विदेशी होल्डिंग पर उठाए गए सवालों को भी बेबुनियाद करार दिया गया और प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बताया गया।

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Adani Group की मानें तो हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का गलत ढंग से उपयोग किया। कंपनी का कहना है कि गहन जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज तक कर दिया था।

Hindenburg ने फिर पूछे सवाल

लेकिन ये तमाम जवाब आने के बाद अब हिंडनबर्ग ने फिर सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग द्वारा पचचे गए कुछ नए सवाल इस प्रकार हैं:

हिंडनबर्ग का कहना है कि माधबी के जवाब से यह तो साफ हो जाता है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फंड में निवेश था, जिसका पैसा विनोद अडानी ने इस्तेमाल किया। यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो उस समय अडानी कंपनी के डायरेक्टर थे।

अडानी के निवेश फंड घोटाले के जांच की जिम्मेदारी SEBI को दी गई, जिसमें माधबी के व्यक्तिगत निवेश वाले फंड भी शामिल थे। स्पष्ट रूप से यह हितों के टकराव का मामला बनता है।

SEBI प्रमुख, बुच के दावे के अनुसार, वह दोनों कंल्सटिंग कंपनियों से 2017 में SEBI के साथ जुड़ते ही हट गई थीं। लेकिन मार्च 2024 की शेयरहोल्डिंग संबंधित उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि अगोरा एडवायजरी (इंडिया) में माधबी की अभी भी 99% हिस्सेदारी है। यह कंपनी अभी भी संचालन करते हुए राजस्व काम रही है।

इतना ही नहीं बल्कि अगोरा पार्टनर्स (सिंगापुर) में माधबी की 16 मार्च 2022 तक 100% हिस्सेदारी थी, इस समय तक वह SEBI की पूर्णकालिक सदस्य थीं। लेकिन SEBI चेयरपर्सन बनने के दो हफ्ते बाद उन्होंने अपने शेयर पति के नाम पर ट्रांसफर कर दिए। इतना ही नहीं बल्कि सेबी प्रमुख पर पूर्णकालिक सदस्यता के दौरान अपने निजी ई-मेल आईडी से अपने पति के नाम का इस्तेमाल कर बिजनेस करने के भी आरोप लगाए गए हैं।

 

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