Site icon NewsNorth

Google और Microsoft अकेले 100 देशों से अधिक बिजली का कर रहीं हैं इस्तेमाल – रिपोर्ट

Google and Microsoft use electricity: Google और Microsoft जैसी अमेरिकी दिग्गज टेक कम्पनियों को लेकर रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है, रिपोर्ट के मुताबिक ये दोनों दिग्गज टेक कंपनी बिजली उपयोग करने के मामले में दुनिया के 100 देशों के के बराबर बिजली का उपभोग अकेले ही ये दोनों कंपनिया कर रही है।

जी हां! रिपोर्ट के मुताबिक, दिग्गज टेक कंपनिया गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले साल 2023 में 48 TWh बिजली का इस्तेमाल किया था।

TWh ऊर्जा इकाई मापने का एक पैमाना है, जिसे टेरा वॉट और घंटे के रूप में ऊर्जा मापने के लिए परिभाषित किया जाता है। 1 TWh (टेरावाट-घंटा) ऊर्जा की इकाई है जो एक घंटे में एक ट्रिलियन वाट बिजली उत्पादन के बराबर होता है। इतनी बिजली कई (Google and Microsoft use electricity)  छोटे देशों को पूरे साल रोशन रख सकती है।

कहा हो रहा है, इतना बिजली का उपभोग?

दोनों ही टेक दिग्गज AI technology development की रेस में प्रतिस्पर्धी कंपनिया है, ऐसे में यह दोनों ही कंपनिया इस लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को बेहतर और एडवांस बनाने में जुटी हुई है, इसके साथ ही इसकी इसकी डिमांड विश्वभर में बढ़ी है।

मेडिसिन से लेकर एजुकेशन, म्यूजिक, कंप्यूटिंग समेत शायद ही ऐसा कोई सेक्टर हो जिस पर इसका असर देखने को न मिला हो ऐसे में टेक की दुनिया में AI technology (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के आने से बिजली का उपभोग बढ़ा है।

See Also

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी के लिए भारी मात्रा में बिजली का प्रयोग होता है। ऐसे में इन दोनों टेक दिग्गज कंपनियों में बिजली उपभोग की मात्रा अत्यधिक बढ़ गई है। इन कम्पनियों में बिजली उपभोग की मात्रा इस कदर बढ़ चुकी है कि, विश्व में मौजूद घाना-ट्यूनीशिया जैसे 100 से अधिक देशों के कुल बिजली उपभोग से अधिक है।

डेटा सेंटर में बिजली का उपयोग

Google और Microsoft AI technology आधारित अपनी सेवाओं को सुचारू और उपभोक्ताओं के लिए बेहतर और एडवांस सेवाओं को प्रदान करने के लिए कई प्रकार के डेटा सेंटर संचालित करती है। ये डेटा सेंटर क्लाउड स्टोरेज और कंप्यूटिंग जैसी क्लाउड सर्विसेज को चलाते हैं, जिसकी वजह से ये डाटा सेंटर बड़ी मात्रा में बिजली खाते हैं। जो अधिक बिजली उपभोग का कारण बन रहा है।

Exit mobile version