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Dhruv Rathee के खिलाफ FIR दर्ज, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी से जुड़ा है विवाद

FIR registered against Dhruv Rathee

image credit: Dhruv Rathee Instagram account

FIR registered against Dhruv Rathee: मशहूर यूट्यूबर और वर्तमान की केंद्र सरकार के मुख्य आलोचक भारतीय मूल के जर्मनी निवासी ध्रुव राठी के खिलाफ़ भारत में एफआईआर दर्ज हुई है। यूट्यूबर के ऊपर एफआईआर फेक सोशल मीडिया पोस्ट करने के आरोप में दर्ज की गई है, मामला लोकसभा। स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला से जुड़ा बताया जा रहा है।

साइबर सेल ने अपराध किया पंजीबद्ध

Dhruv Rathee के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल विभाग के ओर से की गई है। यूट्यूबर ध्रुव राठी के आरोप है कि, उनके द्वारा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के खिलाफ़ अपने सोशल मीडिया एकाउंट से भ्रामक पोस्ट की गई है।

ध्रुव राठी के पैरोडी अकाउंट से पोस्ट

पूरा मामला ध्रुव राठी नाम के पैरोडी अकाउंट से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा चयन को लेकर दावा किया गया था कि, अंजलि बिरला ने बिना एग्जाम दिए ही परीक्षाओं में सफलता अर्जित की, ऐसे में पैरोडी अकाउंट से ऐसी भ्रामक पोस्ट करने के बाद महाराष्ट्र सायबर सेल ने अकाउंट के उपयोगकर्ता के खिलाफ़ आईटी एक्ट Defamation, International Insult, शांति भंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

हालांकि, पुलिस में इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद इस पैरोडी अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर माफी मांग ली गई है। यूजर ने लिखा,

“महाराष्ट्र साइबर पुलिस के निर्देशानुसार, मैंने अंजलि बिरला पर अपनी सभी पोस्ट और टिप्पणियां हटा दी हैं, मैं माफी चाहूंगा क्योंकि मुझे तथ्यों की जानकारी नहीं थी और मैंने किसी और के ट्वीट की नकल करके उसे शेयर कर दिया।”

क्या थी भ्रामक पोस्ट?

@dhruvrahtee नाम के पैरोडी अकाउंट से पोस्ट माध्यम से यह दावा किया गया था कि,

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“भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां आप बिना परीक्षा दिए ही यूपीएससी पास कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी के रूप में जन्म लेना होगा। ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला ने बिना कोई परीक्षा दिए यूपीएससी पास कर लिया, वह पेशे से एक मॉडल हैं। मोदी सरकार हमारी शिक्षा प्रणाली का मजाक उड़ा रही है।”

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सोशल मीडिया में इस प्रकार की पोस्ट करके ध्रुव राठी के पैरोडी अकाउंट से भ्रामक प्रचार प्रसार किया जा रहा था, जिसका उद्देश्य सिर्फ शासकीय संस्थाओं की विश्वनीयता को लोगों के मन में कमजोर करने का प्रयास था, लेकिन महाराष्ट्र सायबर सेल की वजह से ऐसे भ्रामक पोस्ट करने वाले के खिलाफ़ कार्रवाई से ऐसे लोगों के बीच कानून का उल्लंघन करने वाले और बिना सोचे समझे किसी भी प्रकार की पोस्ट करने वाले के ऊपर (FIR registered against Dhruv Rathee)  कानून का डर पैदा होगा।

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