Jio Financial Services Gets RBI Approval To Become Core Investment Company: मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले समूह से संबंधित जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) में बदलने की मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के साथ ही जियो फाइनेंशियल अब बाजार में एक नए सेगमेंट में अग्रणी रूप से कार्य करती नजर आ सकती है।
आपको बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को एक कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) के रूप में मान्यता दी है। CIC एक बड़े एसेट साइज की निवेश कंपनी होती है, जिसके 90% नेट एसेट्स को ग्रुप कंपनियों में इक्विटी शेयरों, प्रेफरेंस शेयरों, बॉन्ड्स, डिबेंचर्स, या लोन के रूप में निवेश किया जाता है।
Jio Financial Services To Become CIC
असल में पिछले साल नवंबर में जियो फाइनेंशियल ने RBI में इसको लेकर आवेदन दायर किया था। आवेदन में कंपनी को NBFC से CIC में बदलने का अनुरोध किया गया था। इस आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद अब कंपनी का मुख्य कार्यक्षेत्र ही बदल जाएगा, जिससे कंपनी की आर्थिक स्थिति और ग्रुप कंपनियों की निवेश स्थिति में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह खबर ऐसे समय में आई है जब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2025 तक जियो इंफोकॉम के एक बड़े IPO की संभावना प्रकट की जा रही है। आपको बता दें, जियो फाइनेंशियल के शेयरों की लिस्टिंग 21 अगस्त 2023 को हुई थी और फिलहाल इनकी कीमत लगभग ₹350 है, जो पिछले साल के लिस्टिंग मूल्य से लगभग 50% अधिक है।
कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त करने के बाद, इसके प्रमुख फाइनेंशियल कामकाज में शेयरों और बांड्स में निवेश करना शामिल हो सकता है। ऐसी कंपनियां अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा अपनी ग्रुप कंपनियों में निवेश करती हैं। देश में ₹100 करोड़ से अधिक एसेट साइज वाले सभी कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के नियमों के तहत रेगुलेट की जाती हैं।
आपको बता दें, रिलायंस के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में 6 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लिमिटेड, रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड, जियो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड, रिलांयस रिटेल फाइनेंस लिमिटेड, जियो इंफॉर्मेशन एग्रीगेटर सर्विसेज लिमिटेड, और रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस ब्रोकिंग लिमिटेड का इन्वेस्टमेंट का नाम शामिल है।
यह इसलिए भी दिलचस्प हो जाता है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने जियोफाइनेंस ऐप का बीटा वर्जन पेश किया था। इस ऐप की मादद से उपयोगकर्ताओं को डिजिटल बैंकिंग से लेकर UPI ट्रांजैक्शन, बिल पेमेंट, म्यूचुअल फंड पर लोन और इंश्योरेंस एडवाइजरी जैसी सेवाओं की पेशकश की गई है।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आने वले समय में रिलायंस समूह की ये कंपनियाँ आखिर किस तरह बाजार में अपने को मज़बूत करती नज़र आएगी। इस बीच सबकी निगाहें Jio के संभावित IPO को लेकर भी लगी हुई हैं।